अखण्ड हरिनाम संकीर्तन पदयात्रा
स्थूलं सूक्ष्मं कारणाख्यमुपाधित्रितयं चितेः।
एतैर्विशिष्टो जीवः स्याद्वियुक्तः परमेश्वरः।।
नर्मदा परिक्रमा २०२५ शूलपाणेश्वर झाडी
राधे राधे आश्रम मण्डलेश्वर खरगोन मध्यप्रदेश में हरिनाम संकीर्तन का आनन्द
नर्मदा परिक्रमा २०२५ शूलपाणेश्वर झाडी धडगांव मार्ग
नर्मदा परिक्रमा अन्तर्गत शूलपाणेश्वर झाडी के खप्परमाल की मधुरतम स्मृतियां
कुली घोंसा की सुन्दर घाटी शूलपाणेश्वर की झाडी नर्मदा परिक्रमा २०२५
महेश्वर घाट में गीता जयंती के पुनीत अवसर पर हम।।
नर्मदा परिक्रमा २०२५ शाहपुरा बालाजी मंदिर धार मध्य प्रदेश
तपोनिधि स्वामी सिद्धानन्द महाराज शाहपुरा नर्मदा तट मध्यप्रदेश
नर्मदा परिक्रमा २०२५ चिखल्दा शूल गांव हतनावर मार्ग
तपस्वी संत की अद्भुत वाणी #निर्मलचैतन्यसंकीर्तनपदयात्री
तपोमूर्ति श्रद्धेय स्वामी श्री सिद्धानन्द महाराज श्री से २५ वर्ष बाद नर्मदा तट पर पुनर्मिलन हुआ।
गुफा आश्रम बान्द्राभान नर्मदापुरम् की मधुरतम स्मृतियां
पदयात्रा की मधुरतम स्मृतियां
नर्मदा परिक्रमा गरुडेश्वर से नानी अम्बा कवाठ मार्ग उत्तर तट गुजरात ⭐मात श्री नर्मदे हर ⭐
नर्मदा परिक्रमा कुमारेश्वर,नारदेश्वर महादेव मंदिर, दत्त मन्दिर वासुदेवानंद सरस्वती समाधि गरुडेश्वर
नर्मदा परिक्रमा तिलकवाड़ा से गरुडेश्वर मार्ग उत्तर तट गुजरात
भजन के अतिरिक्त अन्य किसी वस्तु पदार्थ में आनन्द नहीं है।
विरक्त संत श्रद्धेय प्रमोदचैतन्य ब्रह्मचारीजी महाराजसे आठ महीने बाद संवाद करनेका सुअवसर प्राप्त हुआ।
व्रज विभूति परमपूज्यपाद चैतन्य बाबा जी से आज का पावन संवाद।
कष्ट में आनन्द की अनुभूति केवल भक्त को होती है।
नर्मदापरिक्रमा अम्बेटाग्रामसे भाडभूत भारेश्वरमहादेवमंदिर तक १७/११/२०२५#निर्मलचैतन्यसंकीर्तनपदयात्री
मात श्री नर्मदे हर 🌼🙏 गत वर्ष की मधुरतम स्मृतियां
गत वर्ष की मधुरतम स्मृतियां
नर्मदा परिक्रमा २०२५ विमलेश्वर संगम दर्शन अम्भेटा कृष्णानन्द आश्रम तक
नर्मदा परिक्रमा बलबलाकुण्ड से विमलेश्वर मन्दिर रत्न सागर रेवा+सागर संगम तक#१५/११/२०२५
नर्मदा परिक्रमा ४२ वां दिवस, शूलपाणीश्वर झाडी की यात्रा पूर्ण कर गोरा कालोनी विश्राम हुआ।।
शूलपाणेश्वर झाडी में पत्थरों की शिलाओं से पैरों का संवाद
नर्मदा परिक्रमा शूलपाणेश्वर झाडी मोल्गी से माथासर की ओर
नर्मदा परिक्रमा अन्तर्गत शूलपाणेश्वर झाडीमें नर्मदाकी सहायक नदी उदयामें स्नान सहित प्रकृति दर्शन।।
आदिवासी समाज सरकार और अपने स्वजनों से क्या चाहता है। शूलपाणेश्वर झाडी के विजय भाई वल्वी को सुनिये।