Shree Laxmidatt श्री लक्ष्मीदत्त भक्ति सागर
भगवान के छह मुख्य गुण ज्ञान, ऐश्वर्य (शक्ति/धन), बल, यश, वीर्य (ऊर्जा) और तेजस (वैभव) हैं। ये गुण भगवत्-पूर्णता को दर्शाते हैं, जिसमें सभी प्रकार की शक्ति, ऐश्वर्य, ज्ञान और वैराग्य शामिल हैं। इन छह गुणों को अक्सर ईश्वर की परिभाषा के रूप में देखा जाता है, जो किसी भी अन्य गुण से परे हैं।
ज्ञान: सर्वज्ञता और असीमित समझ।
ऐश्वर्य: धन और सभी प्रकार की समृद्धि।
बल: शारीरिक और मानसिक शक्ति।
यश: प्रसिद्धि और सम्मान।
वीर्य: असीमित ऊर्जा और शक्ति।
तेजस: आभा या वैभव, जो आंतरिक चमक को दर्शाता है।
गुरुचरित्र पारायण - दिवा सातवा ! आध्याय ४४-५३
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गुरुचरित्र पारायण - दिवस पाचवा ! अध्याय 36-38
दत्त जयंती कीर्तन 2023 - ह.भ.प.शिवाजी महाराज तळेकर (आयोजक- दत्तात्रय बालाजी चव्हाणके)
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श्री दत्त प्रभू जन्म उत्सव कीर्तन 2024 - गुरुदेव महाराज (आयोजक श्री दत्तात्रय बालाजी चव्हाणके
गुरुचरित्र पारायण - दिवस पहिला अध्याय 1-9