Ramdham Kherapa Official

जोधपुर से नागौर की और जाने वाले राष्ट्रीय राज मार्ग पर जोधपुर से लगभग साठ(60) तथा नागौर से लगभग पचहतर(75) किलोमीटर पर "खेड़ापा" नामक ग्राम स्थित है। संत महापुरुषों के कारण यह ग्राम "खेड़ापा" समस्त भारत व विश्व विख्यात हो चुका है। राजस्थान के भू भाग से दिग दिगंतर मैं रामभक्ति की सरिता प्रवाहित करने वाले सिंथल, खेड़ापा, रेण व शाहपुरा नामक जो चार रामस्नेही आचार्य पीठ विध्यमान है। उन मैं से एक आचार्य पीठ "श्री रामधाम खेड़ापा" इसी परम भाग्यशाली खेड़ापा ग्राम मैं स्थित है।

वि.सं. 1783 फाल्गुन कृष्ण 13(शिवरात्रि) के दिन भीकमकोर(जिला जोधपुर) मैं अवतरित श्री रामदास जी महाराज ने 25 वर्ष की आयु तक असंतुस्टीप्रद अनेक (बारह) गुरुओ से मिली साधना करने के बाद सिंथल पहुंचकर वै.शु. 11 संवत 1809 के दिन श्री हरिरामदासजी महाराज से पूर्ण संतुष्टिप्रद दीक्षा ग्रहण की । दिक्षोपरांत भजन साधना करने के लिए आपने खेड़ापा ग्राम को चुना। उपयुक्त आवास बन जाने पर श्री रामदास जी महाराज अपने समस्त राम परिकर के साथ स्थाई निवास हेतु गाँव के स्थान(जूनी जागा) या आदि धाम से चलकर इस नए आचार्यपीठ स्थान "रामधाम" में विराजमान हो गए।