Dr saty prakash yogachary

Aatmsaynam yoga wellness (Yoga and alternative medicine)
हमारा लक्ष्य मानव मात्र की सेवा, नर सेवा ही नारायण सेवा है।।
" योग: कर्मसु कौशलम् " कर्म की कुशलता ही योग है
।। हेयं दुःखमनागतम्।।
वर्तमान जन्म के पहले जो अनेक योनियों में दुख भोगे जा चुके वे तो अपने आप समाप्त हो गये, उनके विषय में कोई विचार नहीं करना है ।। वर्तमान समय भी हम भोग ही रहे हैं, हर क्षण भोग ही रहे हैं, इसका विचार हमें नहीं करना है।।
भविष्य में जो हमें दुख मिलने वाला है उनको - योग की शक्ति से,योग की ऊर्जा से, योग की अग्नि से, तप की अग्नि से,कर्म की अग्नि से, सकारात्मक विचार की अग्नि से, भक्ति की अग्नि से, हम उन्हें समाप्त कर सकते हैं , ये योग की शक्ति ऐसी है जो सारे दोष दुर्गुण पाप ताप सब हर लेता है । आइए हम सब मिलकर एक संकल्प करें कि योग की शक्ति हम हर एक व्यक्ति तक पहुंचाये।।
ताकी कोई भी व्यक्ति असहाय रोगी न रहे, और परमात्मा की प्राप्ति कर सके अपने आप को जान सके आत्मसाक्ष कर सके और जो हमारा जो लक्ष्य है ? चार पुरुषार्थ :- धर्म, अर्थ ,काम ,और मोक्ष उसे पूरा कर सके ।। ॐ शांतिः शांतिः शांतिः।।