RUHANI BHAKTI MUKTI
कोई कहता है सगुण भक्ति श्रेष्ठ है, कोई कहता है निर्गुण भक्ति श्रेष्ठ, कोई कहता है योग श्रेष्ठ, कोई कहता है ज्ञान श्रेष्ठ, कोई कहता है मौखिक जप श्रेष्ठ है, कोई कहता है मानसिक जप श्रेष्ठ है, कोई कहता है ध्यान श्रेष्ठ है ,कोई कहता है ध्यान रहित होना ही श्रेष्ठ है |
कह रहा हूं ,
निष्ठा और लगन श्रेष्ठ है ,मन में लग्न हो भक्ति सघन हो, खुद मिल जायेंगे
प्रकृति का शाश्वत सत्य नियम है कि पात्र कभी खाली नहीं रह सकता, तथा कुपात्र को कभी भरा नहीं था सकता ।
सत्य,परमात्मा,सतपुरुष, ब्रह्म, परात्पर ब्रह्म, केवल भक्ति, केवल ज्ञान, सम्बोधि, शून्य, अद्वैत, सगुण,निर्गुण, ज्ञान, विज्ञान, अध्यात्म, रूहानियत,, ये सब कुछ एक होते हुए भी मत सम्प्रदायों के भ्रामक प्रचार के कारण कैसे ऊंची- नीची बातों का उलझाव हो गया, उसी भेद बुद्धि को निर्मल करने का, एक गिलहरी की तरह रामसेतु बनाने का प्रयास है, आइये और महसूस कीजिये
#धर्म
#मजहब
#अध्यात्म
#रुहानी
सृष्टि की सेवा, सगुण-निर्गुण, शून्य, स्वामीलालदासजी, स्वामीब्रह्मानंदजी भूरीवालों का प्रसंग
मार्ग की सरलता, निर्भर
सगुण भक्ति,व निर्गुण भक्ति में भेदभाव कितना जायज
ब्रह्म सागर जी भूरीवाले महाराज का दूध-फूल सा, गरीब दास जी की वाणी का प्रचार व महिमा
श्री ब्रह्मसागर जी भूरीवालो की समाधि झलूरधाम की महिमा, तथा उनकी ख़ुद की,जोधपुर के ज्योतिषी द्वारा
विपश्यना ध्यान Vs शब्द सुरत योग, कौन फास्ट
भक्त का भरोसा, अभी, और यहीं
सदगुरु कबीर,दादू,दरिया का शब्द भेद,राम जप
शरणागत की सच्चाई, स्वामीशरणानंद,अहंकार ही दीवार
ज्यादा जरूरी कौन,जन्नत की हूरें या स्वर्ग की अप्सरायें, या रूहानियत
जीवन सुरक्षा, पक्का वादा ,ये अब है यहीं, नेक सा इरादा
स्वामी रामसुखदास जी द्वारा सुनाई गई सेठ की कहानी भगवान से अपनेपन की सिद्धि
राधास्वामी मत Vs रामस्नेही मत, मौखिक जप, मानसिक जप व ब्रह्म निरंजन काल पुरुष शब्दों पर चर्चा
शब्द सुरत योग, द्रष्टा दृश्य योग, कौन सर्वोच्च
जटायु की भगवान राम से मांग, नाजायज
सार शब्द,तीन शरीर या छः शरीर,सत्य क्या?
मीरा और जहर का प्याला तथा गरीबदास जी द्वारा एक निर्बल बच्ची को बचाना
सदगुरु कबीर साहेब सतगुरु गरीब दास जी के जीवन प्रसंग में समानता या असमानता
भक्त की निष्ठा संत नामदेव
यह बरमी में कुटिया है यहां ओनली तीन चार कमरे हैं, तो अधिकतम तीन चार विरक्त संत रह सकते हैं
पूरे भारत के विरक्त, फुल ध्यानी, नाम जापक, भजनानंदी साधु सन्यासी ही यह देखें, रहने का एकांत स्थान
ਬ੍ਰਹਮ ਸਾਗਰ ਭੂਰੀ ਵਾਲੋਂ ਦੀ,ਬਰਮੀ ਕੁਟੀਆ ਵਿੱਚ ਸਾਲਾਨਾ ਸਮਾਂਗਮ ਵਿੱਚ ਸੰਤਾਂ ਦੇ ਨਾਲ ਪਹਿਲਾ ਸਤਸੰਗ ਪਰਵਚਨ
कबीर साहेब दो सौ साल बाद छुड़ानी आये, गरीबदास जी छः महीने बाद सहारनपुर में 35 साल रहे
ऋषिकेश में शरणानंद जी के सत्संग में, प्रेम या नियम पर नाराजगी
स्वामी रामसुखदास जी के दर्शन, दासौड़ी में विरक्ति का संकल्प, भोले के भगवान
अमरता के बाद भी बाकी
AI और धर्म, मजहब, Religion, अध्यात्म, रूहानी,
काल पुरुष कैसे पैदा हुआ,किसने बनाया
जिद्दू (J)कृष्णमूर्ति Vs उपलूरी गोपाल (UG) कृष्णमूर्ति में बुद्धि भेद
आयुर्वेद में पुनर्जन्म स्वीकारा है, एलोपैथी होम्योपैथी वगैरह में क्यों नहीं