Jawan Haryanvi
ALL TYPE OF HARYANVI RAGNI PROGRAM,
हरियाणवी सांग रागनी || बात मेरी हृदय मे लिखले ||साँगी विष्णुदत्त कौशिक || Jawan Haryanvi
एक की दारू दो बतलाते ||शाही लकड़हारा सांग रागनी ||साँगी विष्णुदत्त कौशिक || Jawan Haryanvi
सजन मेरे करके बात बनन आली थी || साँगी विष्णुदत्त कौशिक || हरियाणवी सांग रागनी ||Jawan Haryanvi
ढ़के ढ़काऐ ढ़ोल धरे सैं तै || विष्णुदत्त कौशिक || हरियाणवी सांग रागनी ||Jawan Haryanvi
हरियाणवी सांग रागनी\शाही लकड़हारा\ स्नान करो कुछ ध्यान करो \साँगी विष्णुदत्त कौशिक || Jawan Haryanvi
चले नहान ने मर्द और बीर श्री गंगा जी के घाट|| हरियाणवी सांग रागनी ||शाही लकड़हारा ||विष्णुदत्त कौशिक
परम ज्योत भगवान स्वरूप से ||शाही लकड़हारा हरियाणवी सांग रागनी ||विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
लख्मीचंद का ब्रहमज्ञान || मन मूर्ख तेरी आँख खुले || हरियाणवी सांग रागनी ||सांगी पंडित विष्णुदत्त
पंडित लखमीचंद ब्रह्मज्ञान || प्रभु तेरी रजा म्हं रजा || सांगी विष्णुदत्त कौशिक|| Jawan Haryanvi
हरियाणवी सांग रागनी || त्रेता मे हुये रामचंद्र जी ||सांगी विष्णुदत्त कौशिक|| Jawan Haryanvi
तनै लादिया कुल के दाग ||सांगी विष्णुदत्त कौशिक|| हरियाणवी सांग रागनी || Jawan Haryanvi
हरियाणवी सांग शाही लकड़हारा || सारी सखियां बोलै चालै ||सांगी विष्णुदत्त कौशिक|| Jawan Haryanvi
चन्द्र दत्त की आज्ञा लेकर || लख्मीचंद की सुपरहिट सांग रागनी || विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
पदमावत का सांग रागनी || हम परदेसी लोग बाग मे डाट माली की || सांगी विष्णुदत्त कौशिक|| Jawan Haryanvi
गैर बीर के मोह में फसना अच्छी बात नहीं है ||लख्मीचन्द का सांग || विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
पदमावत का सांग रागनी ||तला जनाने न्यारे आली मरगा किसे लगारे आली ||विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
शाही लकड़हारा हरियाणवी सांग \ढके ढ़काये ढोल धरे से तै धरे राहण दे रै \विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
हरियाणवी सांग रागनी || बन्दे दो दिन का मेहमान || दादा मांगेराम का भजन || Jawan Haryanvi
हरियाणवी रागनी || जिसने योग क्रिया का ज्ञान नफा के कान पडवान मे ||सांगी विष्णुदत्त Jawan Haryanvi
पदमावत का सांग रागनी || तीन रोज हो लिये तड़पती ||सांगी विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
हरियाणवी सांग रागनी || उठो हे सखी लगो हरि के भजन में ||सांगी विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
हरियाणवी सांग रागनी || जय हो बेरी आली तेरा सच्चा दरबार || सांगी विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
सांग की फुटकड़ रागनी || साई की दरगाह में एक दिन जाना होगा रे ||सांगी विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
चौगरदे के बाग हरा ||पंडित लख्मीचंद का सांग रागनी ||सांगी विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
लाख टके हे माँ मेरी बिजणा री || पदमावत हरियाणवी सांग रागनी \सांगी विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
फुटकड़ सांग रागनी || कृष्ण जी अवतार धार कै गऊ चराया करते || सांगी विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
हरियाणवी सांग रागनी || नर करले भजन राम का |||सांगी विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
लक्ष्मी रूप बीर का हो || दादा लख्मीचन्द का सांग || सांगी विष्णुदत्त कौशिक || Jawan Haryanvi
कही भले की बुरा मानगी || दादा लख्मीचन्द का सांग ||सांगी विष्णुदत्त कौशिक\ Jawan Haryanvi
तने तै सेठानी म्हारे फायदे की कही \फूल सिंह नौटंकी का सांग \सांगी विष्णुदत्त कौशिक || Jawan Haryanvi