ADHYATMA POWER

साथियों आज संविधान को लागू हुए 76 सालों से अधिक हो गया पर हमारे देश से अंधविश्वास व पाखंड दूर नहीं हुआ।भले ही बाबा साहेब डॉ भीमराव अम्बेडकर ने 25 दिसंबर 1927 को मनुस्मृति जला दिया पर वह मनुस्मृति आज भी जिंदा है जिस जातिवाद को बाबा साहेब भारत से हमेशा हमेशा के लिए मिटाना चाहते थे वो आए दिन और बढ़ता जा रहा है। बाबा साहेब का एकमात्र सपना था कि भारत बौद्धमय बने पर उनका सपना आज भी अधूरा यहां तक कि भारत के विभिन्न बौद्ध स्थलों पर ब्राह्मणों ने कब्जा कर लिया है और भगवान बुद्ध की जगह देवी देवताओं की पूजा अर्चना किया जा रहा है जिसका प्रत्यक्ष प्रमाण बिहार के गया में स्थित महाबोधि मंदिर है जिसे सम्राट अशोक ने बनवाया थी चूंकि गया वह स्थान है जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था। आज हजारों भिक्षु सड़कों पर बौद्ध विहार के लिए आंदोलन कर रहें है पर सरकार के कान में जूं तक भी नहीं रेंगा । प्रिय साथियों अगर सचमुच भारत को बौद्धमय बनाना चाहते हैं तो आइए हम मिलजुलकर बाबा साहेब के सपनों को साकार करें।