विशुद्ध देशना लाइव
भो ज्ञानी ! सबके दिन एक से नहीं होते | (आचार्य विशुद्धसागर )
24/11/2025 | श्रमण मुनि श्री विकोसल सागर जी महाराज
24 /11/25 | नीतिवाक्यामृत | स्वामी 56 | विद्या सर्वधनो में श्रेष्ठ
24/11/2025 तत्वसार | गाथा- 30 | मन इन्द्रियों को थकाओ #tatvsaar #jaingranth #jains #vishudha
23/11/25 | पुरुषार्थ सिद्धि उपाय | श्लोक 150 | सामायिक में ग्रहस्थ मुनि समान
23 /11/25 | नीतिवाक्यामृत | स्वामी 55 | गृहस्थों में सम्मान धन से
16 / 11 / 2025 श्रमण मुनि श्री सौम्यसागर जी महाराज
20/11/25 | ज्ञान कल्याणक शांतिनाथ धाम सिरोंजा सागर | समवसरण से दिव्य देशना | आचार्य विशुद्धसागर
20/11/2025 | जैन न्याय परीक्षामुख | अध्याय 06 सूत्र 34 | शंकित विपक्षवृति का हेतु
16/11/2025 |अध्यात्म अमृत | कलश 197 प्र 08 | धर्म तत्व व संस्कृति |
19/11/2025 | अध्यात्म अमृत | कलश 199 प्र 01 | श्रमण धर्म |
19/11/2025 | रत्नमाला | श्लोक 12 प्र 01 | व्रतियों की गति
19 - 11 - 2025 श्रमण मुनि श्री जयन्द सागर महाराज जी
18/11/2025 | रत्नमाला | श्लोक 11 प्र 01 | सम्यग्दृष्टि की गति
18/11/2025 | अध्यात्म अमृत | कलश 198 प्र 05 | समय का स्वरूप |
18/11/25 नीतिवाक्यामृत | स्वामी 51.52 मत करो व्यर्थ व्यंग्न और विवाद ।
16/11/2025 | पुरुषार्थ सिद्धि उपाय | श्लोक 140 | विमलमती ही लेते वृताश्रय #dharm #दिगम्बर
16/11/2025 | नीतिवाक्यामृत | स्वामी 37 | सर्व पापमूल रिश्वत लेना #vishuddhadeshna #jain
13/11/2025 | रत्नमाला | श्लोक 10 प्र 01 | सम्यक श्रद्धा करो ,संबंधों की रक्षा करो
04/11/2025 | रत्नमाला | श्लोक 07 प्र 01 | देव शास्त्र स्वरूप | जबलपुर
03/11/2025 | रत्नमाला | श्लोक 06 प्र 08 | कारण कार्य व्यवस्था | जबलपुर
30/10/2025 | अध्यात्म अमृत | कलश 197 प्र 03 भोजन भाव एवं धर्म | जबलपुर
29/10/2025 | रत्नमाला | श्लोक 06 | प्र 03 | धर्म प्रिय बनो | जबलपुर
24/10/2025 | नीतिवाक्यामृत | स्वामी 37 | सर्व पापमूल रिश्वत लेना #vishuddhadeshna #jain
24/10/2025 | पुरुषार्थ सिद्धि उपाय | श्लोक 140 | विमलमती ही लेते वृताश्रय #dharm #दिगम्बर
24/10/2025 | प्रश्नोउत्तर रत्नमालिक | आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज जी
15/10/2025 |श्रमण मुनि श्री यशोधर सागर जी महाराज #jaindharm #dharm #जैन #sadhu #sant #jains #जैन
14/10/2025 | अध्यात्म अमृत | कलश 193 | कर्ता कौन? #jaindharm #विशुद्ध #karta #vishuddh #dharm #jain
09/10/2025 | स्वयंभू स्त्रोत्र | श्लोक 137 | #जैन #धर्म का #सार " जियो और जीने दो " #jaindharm #जैन
08/10/2025 | अध्यात्म अमृत | कलश 190 प्र-01 | प्रमाद साधक का शत्रु #sadhak #satrue #jainsant #vishu