Man Aur Madhav

मन और माधव

जब मन भटकता है, तो जीवन दिशाहीन हो जाता है।
लेकिन जब मन माधव से जुड़ता है, तो वही भटका हुआ मन ध्यान, शांति, और प्रेरणा का स्रोत बन जाता है।

मन चंचल है, हर पल बदलता है।
पर जब यह माधव — यानी श्रीकृष्ण — की भक्ति में स्थिर होता है, तो जीवन में स्थायित्व, संतुलन और सार्थकता आ जाती है।

"मन और माधव" का संबंध आत्मा और परमात्मा की तरह है —
जब मन माधव से जुड़ता है, तब ही जीवन का सच्चा आनंद शुरू होता है।

"माधव को पाने के लिए, पहले मन को साधना होता है।"

क्या आप तैयार हैं अपने मन को माधव से जोड़ने के लिए?