Hari Naam Chintamani

प्राणों की बाजी लगाकर भजन के लिए चेष्टा करने से भजन में आए सभी विघ्न दूर हो जाते हैं! साधक की सरल चेष्टा देखकर परमात्मा प्रसन्न होते हैं और भजन का दरवाजा खोल देते हैं! यह एक दिन में नहीं होता! भजन करते करते विघ्न क्रमश अंतर्धान होते हैं, भजन में जैसी दृढ़ता और एकांतिकता की आवश्यकता है वैसे ही धैर्य और सहिष्णुता की! भजन के लिए उपयुक्त अवस्था में चित्त को रखना बड़ा कठिन है| जड़ वस्तु से आसक्ति जाए बिना चित्त शुद्ध नहीं होता भक्ति नहीं होती भक्ति हुए बिना चिदवास्तु के स्वरूप की उपलब्धि नहीं होती| भजन के प्रभाव से जैसे जैसे जड़िया संस्कारों का छय होता है वैसे वैसे चित्त निर्मल होता है और विघ्न दूर होते हैं|