मधुसूदन श्री हरि भजन
हरि शरणम
लिंगाष्टकम
हम दीन जनों के है राघव आधार तुम्हारे चरणों का
अब सौंप दिया इस जीवन का सब भार तुम्हारे हाथों में
शिव वेदशार
दरस बिन दुखन लागे नेन
वंदे शिवम् शंकर
नटवर नागर नंदा
राधे गोविंदा
क्या सोचता रे पागल मनवा
हिमालय कृत शिव स्त्रोत
कामेश्वरि स्तुति:
शिवस्तुति:
नगरी हो अयोध्या सी
गतिस्त्वं गतिस्त्व तवमेका भवानी
दस महाविद्या स्त्रोत
जय राम रमा रमण
राम रक्षा स्त्रोत्र
श्री राम चंद्र कृपालु
अधरम मधुरम
शिवाष्टकम
कब हूं मिलोगे दीनानाथ हमारे
November 30, 2025
हरि शरणम्
November 28, 2025
उद्धव कृत राधा स्त्रोत्र
November 28, 2025
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November 26, 2025
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November 25, 2025