पाणिनीयप्रवेशाय _Krishna gopal Das ji

।।अध्येयं व्याकरणम्।।
"कौमुदी यदि आयाति वृथा भाष्ये परिश्रमः।
कौमुदी यदि नायाति वृथा भाष्ये परिश्रमः"।।

इस चैनल का उद्देश्य 'संस्कृत-व्याकरण' का परिचय संस्कृतछात्रों के साथ साथ अन्य विषय के छात्रों को कराना है। इसके लिए लघुसिद्धान्तकौमुदी ग्रन्थ का अध्ययन बहुत आवश्यक है । यद्यपि यह पारम्परिक-ग्रन्थ है तथापि अतिरिक्त प्रयास से अवगमन किया जा सकता है। इस ग्रन्थ का बोध करनेसे बौद्धिकस्तर में भी वृद्धि होगी अतः अवश्य लाभ लेवें।
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