Sadhna Siddhi

"साधना" को प्राय: दुरूह मान ही लिया जाता है, और उसकी "सिद्धि" का विचार त्याग दिया जाता है, कारण कुछ और नहीं अपितु, केवल हमारा अज्ञान है |
"साधना" अर्थात मनोकामना और उसकी प्राप्ति का मनोरथ | "सिद्धि" अर्थात उसकी पूर्ति का उपक्रम | यदि सही तरीका ज्ञात हो और गुरु का सानिध्य हो, तो सरलतम तरीके से किसी भी मनोरथ को प्राप्त किया जा सकता है |
इस चैनल के माध्यम से "परमहंस स्वामी आचार्य (डॉ) चंद्रकान्त" जनसामान्य को ऐसी ही दुरूह साधनाओं को संपन्न करने की सरलतम विधियों की जानकारी देने का प्रयास कर रहे है | अंततः निष्ठा और विश्वास ही आपको सफल बनाएगा |