Puja Charcha

आज के युग में अधिसंख्य गुरु ऐसे हो गए हैं जिनसे उनके शिष्य व्यक्तिगत रूप से कभी मिल ही नही सकते। यह बहुत अनर्थकारी है। क्योंकि ऐसे शिष्य जीवन भर गुरु से मिलने के लिये छटपटाते रहते हैं। अपनी जिज्ञासाओं को लेकर इधर उधर भटकते रहते हैं। गुरु भटकाव खत्म करने के लिये धारण किया जाता है न कि भटकाव बढ़ाने के लिये। जीवन के भटकाव को खत्म करने के लिये शिव से श्रेष्ठ गुरु कोई नही। सुखी जीवन के लिये शिव को गुरू बनायें। उनसे अपने सवालों के जवाब मांगने, समस्या समाधान, कामनापूर्ति और देवदूतों की सहायता के आग्रह की तकनीक आप भी अपनायें।