Village Life With Sarita
गांव का रहन सहन देसी खान पान चूल्हे का || my morning to evening routine ||
पल भर में ही सालों की खुशी मिल गई,भीगी पलकों से कर दी विदाई ||
पहली बार मेरी भाभी का मेरे ससुराल में स्वागत, आंखें तरस गई,जिस पल का था बेसब्री से इंतजार आखिरकार ||
सदियों में गांव की सुनहरी सुबह || सोचा नहीं था यह भी हो जाए गा || morning to evening routine ||
लो जी सीजन की पहली जान प्याज के कांदे की सब्जी || सर्दियों में chulhe ka देसी traditional food ||
सबका प्यार एक तरफ बेजुबान का एक तरफ, कितना खुश नसीब है वह गांव ||
सास बहू की रसोई,सर्दियां शुरू होते ही आज बनाया सबकी पसंद गोभी के पराठे ||
सबसे बड़ी खुशी अगर कोई है तो यह,ऐ खुदा ये शुभ घड़ी सबको मिले || Sunday special ||
gaon ki life मेरा प्यारा सा परिवार || my morning to evening routine ||
इतना खास रिश्ता होने के बाद भी, क्या है मेरा रिश्ता, मेरी प्यारी सी दिनचर्या ||
कितनी खूबसूरत यादें यह पल जब भी देखो तब ताजा || engagement से marriage तक की खुशनुमा पल ||
सर्दियां शुरू होते ही सर्दियों की जान ,गुजराती स्पेशल || गांव की दिनचर्या सुबह से शामतक ||
हालात कैसे भी हो जरा सा प्यार ना कर सके तो मारपीट भी न लेकिन ऐसा होता नहीं सुबह से शाम तक
दिल की बातें,सर्दियां शुरू होते ही लग गई इस खास काम में अब पूरी सर्दी फुर्सत,बीतेगी सुकून से सर्दी |
सालों बाद घर पर बनाया ठेले वाली रगड़ा चांट, सभी लोगों के साथ जमकर पार्टी ||
पूरे दिन भाग दौड़ के साथ भरवा मिर्च || काफी इंतजार के बाद फाइनली आज यह भी पूरा हो गया ||
नवजात शिशु के साथ शाम का इतनी जल्दी खाना बनाती हूं जिस पर सासू जी के बिचार ||
कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर आज आयी ये शुभ घड़ी || जो मिलना है वह हर हाल में मिलेगा ||
घर के कामों के साथ साथ यह भी बहुत जरूरी कार्य आज निपट ही गया ,गांव की कड़ी दिनचर्या ||
gaon ki देसी life still , पूरे दिन कड़ी मेहनत घर से खेतों तक ,भगवान की मर्जी के बिना एक पत्ता भी||
आज घर में कुछ ऐसा, natural Village morning routine एक दम देसी स्टाइल ||
बारिश में गांव का सुखदायक जीवन , नवजात शिशु के साथ सुबह से शाम तक देसी दिनचर्या ||
गांव में बारिश की खुशनुमा रूटीन || morning to evening routine || नवजात शिशु की देखरेख ||
बारिश की कनकती सर्दी आते ही शुरू हो गई देसी रूटीन, सर्दी भागे मिनटों में देसी चूल्हे का खान पान ||
आज वर्षों पुराना अंदाज क *सम से मां जी का देखने योग्य था वाव क्या देसी स्टाइल है ||
धुंआ रहित चूल्हे का देसी खाना ,नवजात शिशु के साथ गांव की देसी दिनचर्या सुबह से शाम तक ||
आखिर कब तक, नवजात शिशु को सर्दी से बचाने के लिए आखिर बना लिया देसी तेल //
सनकती सर्दी में ही सुबह 5:00 से शुरू हो जाती है नवजात शिशु के साथ रूटीन // morning routine
इस पल को तरस रहे थे ,नवजात शिशु के साथ मायके से ससुराल तक के भागम भाग भरी रूटीन ||
भाईदूज स्पेशल वीडियो || बिना बताए पहुंच गए अचानक मायके इस खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा ||