Satguru Gyan Ganga

गुरु गोविंद दोनों खड़े,
काके लागू पाए ।
बलिहारी गुरु आपने,
जिन गोविंद दियों मिलाय ।।

सतगुरु संत और अवतारा,
तीन कला एक दरबारा।