कवि कुमार औरंगाबाद🌹🌹
🙏चल रही है मेहनत जमकर अब इस मेहनत को मंजिल से मिलना है...!! पड़ गए हैं छाले जिनके हाथों में कमाते कमाते मुझे अब उन बापू को बैठा कर खिलाना है...
🙏चल रही है मेहनत जमकर अब इस मेहनत को मंजिल से मिलना है...!! पड़ गए हैं छाले जिनके हाथों में कमाते कमाते मुझे अब उन बापू को बैठा कर खिलाना है...