सड़क की दंतकथाएँ
देवांशी राठमोर का अस्थिर और दुष्ट मामला
रानी विश्वनाथ का विकृत और भयावह मामला
शांतिनी मुखर्जी का भयानक और रहस्यमय मामला
वह शिशुओं को चींटी टीले में फेंकती थी — प्रतिशोध ने उसे अपनी मौत की भीख माँगने पर मजबूर किया
जाति मालकिन नौकरानियों को पिंजरों में बंद कर मुस्कुराती थीकोलकाता 1878 उसे जीवित सड़ने का दंड मिला
1927 में कोलकाता की सबसे शक्तिशाली महिला की हत्या से ठीक पहले ली गई तस्वीर
यह सिर्फ 1899 की एक बपतिस्मा फोटो थी — जब तक विशेषज्ञों ने एक छिपा संकेत नहीं देखा
सिंह वंश की हर बेटी सुहागरात पर मर जाती थी — जब तक एक ने वर को मार नहीं दिया
1975 में मुखर्जी लड़कों को पाया गया — उनकी स्वीकारोक्ति ने पूरा मामला नष्ट कर दिया
1963 में वर्मा बहनों को पाया गया — जो उन्होंने स्वीकार किया उस पर किसी ने विश्वास नहीं किया
भारत प्रायद्वीप का सबसे उजड़ा शहर — जहाँ फ्लैट 1 डॉलर में बिकते हैं / कुरो-योंग का भूतिया नगर
शंकर कुल की बेटियाँ सुहागरात में मर जाती थीं — मगर एक ने तहसील दफ़्तर के कर्मचारी को मार डाला
‘शुद्ध रक्त’ परंपरा 20 पीढ़ियों तक चलने के बाद जन्मे उस बच्चे का कारण जिसे कोई समझ नहीं पाया
1852 में जिओनजू की वह स्त्री जिसने वंश बचाने के लिए अपनी 7 बेटियों को नौकरों से संतान पैदा करने पर म
डीएनए जांच जिसने जियोल्ला-दो की घाटी में 155 साल पुराने पारिवारिक-रक्त रहस्य को उजागर किया — बेक्जे
वह छोटा गाँव जहाँ सभी पुरुष 5 सुंदर बहनों को बाँटते थे — और एक अंधेरा रहस्य सामने आया – 1922
(1934, मुंबई) जुड़वाँ भाई जो पीड़ितों को मोटा करते और धार्मिक अनुष्ठानों में उनका मांस परोसते थे
(1921, वाराणसी) वह पत्नी जिसने अपने पूर्व पति को पकड़ा और उसका मांस परिवार को पका कर खिलाया
(1914, कोलकाता) हवेली की पत्नी ने TRIGÊMEOS को जन्म दिया और नौकर को SOMBRIO बच्चे छुपाने का आदेश दिय
वर्मा बहनों की चौंकाने वाली यौन गतिविधियों की कहानी — औपनिवेशिक अधिकारी दोनों को ले गया
यह सिर्फ माँ-बेटियों का चित्र था — पर हाथों को करीब देखें और जाति का निषिद्ध चिन्ह दिखेगा
(1928, लखनऊ) शर्मा परिवार की भयावह कहानी – वह घर जिसे कोई नौकर नहीं चाहता था
यह सिर्फ एक शादी की तस्वीर थी… जब तक आपने दुल्हन के हाथ ज़ूम कर वाराणसी जाति का गहरा रहस्य ना देखा
वह शहर की सबसे चाही गई महिला थी... जब तक उन्होंने यह नहीं पाया कि वह क्या छुपा रही थी – जयपुर, 1949
महाराज़ा सभी को मोहित कर देती थी… जब तक उसका अतीत सामने नहीं आया – कोलकाता, 1874
वर्मा परिवार के बच्चे 1974 में मिले — उनका डीएनए इंसानों से मेल नहीं खाता था
चाय के बैरन का 1910 में गायब हो जाना — 89 साल बाद एक परित्यक्त खेत में मिला
कोलकाता की 190 किलोग्राम की विधवा — जिसने रात के बाद आने वाले पुरुषों से 29 बच्चों को जन्म दिया 1918
वह छोटा गाँव जहाँ सभी पुरुष गुप्त रूप से 5 खूबसूरत बहनों को बाँटते थे, एक काला रहस्य सामने आया, 1921
छह बहनें, एक किस्मत 1929 – वाराणसी की गलियों के एक चित्र के पीछे छिपा परेशान कर देने वाला सच