HOLI FAG AND MUSTI
म्यूजिक मस्ती होली गांव की होली
महोबा पृथ्वी राज ने घेरा और सुना हम जगिन कन उज जैहैँ
लक्षिमन तेरो दल अब ना बचेगा
ग्वालिन सिर पर धरे गगरिया
कुंवर दो आये हैं फुलवारी
अलसान नयन रत्नार राम, सोनार चले चारिव भैया
मनु बशय मोर वृन्दावन माँ
अंगद कीन्ह प्रतिज्ञा भारी
माधव गति तुम्हारि ना जानी
चितय मुख राघव धरै ना धीरा
मै बरजो भला मैं बरजो मैं बरजो बारम्बार कन्हैया भागि जाओ काली दह ते भाग 1
मै बरजो भला मैं बरजो मैं बरजो बारम्बार कन्हैया भागि जाओ काली दह ते
ग्वालिन सिर पर धरे गगरिया
रोवत राम गोद लिए भाई
अंगद कीन्ह प्रतिज्ञा भारी
ऐसो सिय रघुबीर भरोसो (होली गीत )नवाव
शक्ति ने बादल फारो (फाग नवाव )
अबै दधि बेचि रही वृन्दाबानमा
वन को निकल गए, दो भाई
रस भरी उड़ावत तान गान सुनि जवालसिंह बगिया आयो (फाग होली नवाव उन्नाव )
उद्धव अब के गए कब अइयहो?