akhilesh jain shastri sagar
आत्मानुभूति,आनंदानुभूति सहजता शांति की प्राप्ति के लिए अवश्य ही शांत चित्त होकर इन बातों को सुने
महावीर भगवान के पूर्वभव से अपना वर्तमान भव कैसे सुधरे इस विषय पर आज की चर्चा सुने।
गुरुदेव श्री के हृदय में आचार्य कुंदकुंद का बहुमान
पंचास्थिकाय के स्वरूप को जानने से आत्म श्रद्धान कैसे होता हैं
आत्मा की 47 शक्तियों को बार-बार सुनकर याद करें और उसका चिंतन मनन कर्रे
हिंसा के परिणाम बिना हिंसा नही होती
अहिंसा परमो धर्म का व्यापक और वास्तविक अर्थ जैन दर्शन में
देशना लब्धि
क्षयोपशम लब्धि और विशुद्धि लब्धि
सुखी होने कोन सी sip करें।
पुण्य के उदय में धन प्राप्त हो गया तो क्या करें।
कुल का मद निम्न गति का कारण है
ऐश्वर्या मद नरक में ले जाने वाला है
अधिक ज्ञान नहीं सम्यकज्ञान का उपाय करो
शिक्षा आकुलता देती है, या निराकुलता
देह को चलना हो तो रोटी मिलेंगे । क्या इस बात पर विश्वास है
शास्वत तीर्थ क्या है
रक्षाबंधन कथा से सिद्धान्तों झड़ी लगी
स्नान की आवश्यकता क्यों।
क्या स्नान करने से शरीर पवित्रता हो जाता है।ज्ञानी कैसे विवेक पूर्वक स्नान करता।
कथा भगवान पार्श्वनाथ के पंचकल्याणक की।
भगवान पार्श्वनाथ के जीवन से समता के मूल मंत्र निकले।
मोक्षसप्तमी पर पार्श्वनाथ भगवान का अद्भुत जीवन उन्हें सम्यकत्व कैसे प्राप्त हुआ , मार्मिक चर्चा
जिन धर्म की प्रभावना द्रव्य पर्याय और व्यवहार में ज्ञानी से कैसे होती है।
मैं कौन हूँ? ,आया कहा से? ,जाना कहा है?।मेरा स्वरूप क्या?
ज्ञानी का वात्सल्य किसी से भी बैर नही, समता रखता है।
कर्म के उदय से भिन्न ज्ञान स्वभाव की अनुभूति कैसे हो
जो धर्म से दूर हो गए उन्हें धर्म में कैसे लगावे
आपके जीवन में वह दिन कब आएगा जब आप भी बोल उठे दोष ढाकू सभी के।
श्लोक नंबर 13 रत्नकरण्ड श्रावकाचार
ज्ञानी जीव संसार से विरक्त कैसे होता है