KABIR ASHRAM SURAT
यह आध्यात्मिक चैनल है ,और इस चैनल पर हम आध्यात्मिक बातें बताते हैं। कि मनुष्य कैसे अपने जीवन को सुधार सकता है, और कैसे वह इस दुःख भरे संसार से मुक्त हो सकता है, और कैसे वह प्रेम का जीवन ,आनंद का जीवन , और शांति का जीवन जी सकता है। क्योंकि मनुष्य हमेशा से दुःख से मुक्त होना चाहता है, और इसीलिए वह किसी ईश्वर, परमात्मा , देव की तलाश करता है, कि वह मिल जाय ,उसका दर्शन हो जाय तो उसके जीवन में शांति आ जाय। और इस चैनल पर हम यही बताते हैं कि, मनुष्य को अपने दुखों को मिटाने के लिए ,किसी ईश्वर, परमात्मा के पीछे नहीं जाना है । क्योंकि कोई ऐसा ईश्वर, परमात्मा बाहर नहीं है जो हमारे दुखों को मिटाएं। हमारे अंदर जो आत्मा मौजूद है वहीं असली परमात्मा है, ईश्वर है और जब हम ध्यान - साधना करने लगते हैं तो उसी से हमारे जीवन में शांति आने लगती है, हमारा जीवन सुखद और पवित्रमय बनता चला जाता है।
संसार की हर चीज भय से भरी हुई है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
ज्ञान के बंधन में ,मन रुकता है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
काम ,क्रोध और लोभ इन्हीं तीनों के चक्कर में पड़कर जीव दुःख भोगता है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
आत्मा ही परमात्मा है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
गंदी आदत का त्याग करें । सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
संत का स्वभाव कैसा होता है ? सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
समझ बुझ कर गुरु करना चाहिए तब लाभ मिलता है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
प्रेम और राग का रोग पीड़ा देता है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
दुख से बचना है तो भोगों का त्याग करें। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
गुरुपद के तीन अर्थ कौन-कौन से हैं ? सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
संस्कार योग और परिश्रम इन तीन कारणों से.... सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
संसार की मिलने वाली हर चीज भ्रम पूर्ण है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
आत्मा पंच कोष से सर्वथा अलग है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
कोई हमारे साथ बुरा बर्ताव करे, तो हम क्या करें उसके साथ ? सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
मीठी मीठी बातें करते ही लोग हमे संसार में फासते हैं। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
अविवेक से हमे सद्गुरु ने जगा दिया। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
जीव किन कारणों से संसार में भटक रहा है ? सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
हमारे असली दुश्मन मनोविकार हैं। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
जीवन में दुख गंदे मन के कारण होता है । सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
सात्विक भोजन से ही तन मन और वचन शुद्ध होते हैं । सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
एक काम वासना के पीछे ही सारे दुख आते हैं। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
वैदिक युग से भी पहले मातृ श्ताक वंश क्या था ? सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
पांचों विषयों का सुख खुजली की तरह है । सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
सद्गुरु के दर्शन से अनेक लाभ होते हैं। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
आत्म स्थित व्यक्ति धन और शरीर की चिंता छोड़ देता है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
आत्मबोध ही अमृत तत्व है । सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
क्या वेद शास्त्रों को आंख बंद कर ज्यों का त्यों मान लेना चाहिए ? सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
जिसका मन शुद्ध है वही कबीर है, वही बुद्ध है, वही राम है। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
जीवन में कुशल मंगल क्यों नहीं है ? सद्गुरु अभिलाष साहेब जी
संसार के प्राणी पदार्थ हर क्षण बदलने वाले हैं। सद्गुरु अभिलाष साहेब जी