सुधा समाधान
आचार्य श्री जेल में क्यों करते थे प्रवचन जगतपूज्य ने दिया इस बात का उत्तर
आर्मी की नौकरी छोड़ बने जैन मुनि करीब 6 साल रह चुके है आर्मी में
कैसे आया सभी ब्रह्मचारी भैया को वैराग्य सभी भैया ने अपने प्रवचन में बताया
दीक्षा के लिए रोई ब्रह्मचारिणी दीदी बोली मुझे भी दीक्षा लेनी है
दीक्षा से पहले बोले सभी ब्रह्मचारी भैया छुल्लक गंभीर सागर ने दी भैया की जानकारी
दीक्षा लेने से पहले क्या बोले ब्रह्मचारी भैया बताई अपनी और आचार्य श्री की बातें
आने वाले छठे काल में कोई धर्म नहीं होगा जैसे आज पशु रहते है वैसे ही इंसान रहेंगे
दीक्षा को लेकर क्या चल रहा है जगतपूज्य के मन में किस प्रकार होगी दीक्षा
वर्षों बाद मुनि सुधा सागर देगे दीक्षा जगतपूज्य के हाथों से होगी 12 दीक्षाएं
आचार्य श्री कभी विनौली के लिए आशीर्वाद नही देते थे मै भी नहीं देता
चांदखेड़ी के हुकुम काका ने जगतपूज्य से पूछा अच्छा काम करने पर बुरा क्यों होता है
जैन समाज के भामाशाह ने जगतपूज्य को नारेली पंचकल्याणक के लिए किया निवेदन
धर्म छोड़ना पड़े तो छोड़ देना पर अपने बूढ़े माता पिता की सेवा जरुर करना
चांदखेड़ी विवाद पर बोले जगतपूज्य हमारे तीर्थक्षेत्र खतरे में हैं
एक साधु अपने धर्म के लिए अपनी पूरी जिंदगी दाव पर लगा देता है
जब कुंडलपुर मंदिर बना तब विरोधियों ने आचार्य विद्या सागर की खूब बुराई की
पहले कोई साधु थूबोंन जी मैं ज्यादा दिन नही रुकता था अब हर साधु थूबोन जी आएगा
कैसा होगा थूबोन जी मैं मुनि सुधा सागर का मंदिर जगतपूज्य ने बताया पूरा नक्शा
भगवान की आरती करते हुए आया हार्ट अटैक ये अच्छा हुआ या बुरा
जो प्लास्टिक का उपयोग करते है उसको गाय हत्या का पाप लगता है
मुनि सुधा सागर ने कांजी पंथ वाले से कहा तुम महाराज बन जाओ
शादी के एक दिन बाद ली मुनि दीक्षा उसके साथ पत्नी ने भी ली आर्यिका दीक्षा
शिखर जी मैं डोली वाले ने पकड़े जगतपूज्य के पैर कहा ये हमारी रोजी रोटी है
श्वेतांबर लोगों ने जगतपूज्य से कहा आपकी जो मूर्ति है वो आप लेलो
जगतपूज्य क्यों बदलते है क्षेत्रो के नाम आज मुनि श्री ने बताया उसका रहस्य
महिलाओं को तुम पुरुषों ने समझ क्या रखा है कितना अत्याचार करोगे महिलाओं पर
मंदिर में अतिशय तभी होते है जब मंदिर भक्तों की भीड़ से छोटा पड़ जाए
जैन धर्म में फलहारी और पानी से कोई उपवास नहीं माना जाता है
मुनि विरोधियों ने ली जगतपूज्य के कमरे की तलाशी बोले आपने बैंक पासबुक कहा छिपाई
एक परिवार 53 दिन से लगा रहा चौका फिर भी नही हुए जगतपूज्य के आहार