001 Rohitdas

कबीर के बारे में जितना भी कहा जाए उतना कम है, समाज में फैली कुरीतियों पर सीधा सरल किंतु कठोर शाब्दिक प्रहार उन्होंने किया है वैसा कोई नहीं कर सकता। भक्ति काल में सूफी संतों में कबीर का नाम सबसे अगर पंक्ति में रखा जा सकता है।
यहां हम वाणी को नए रूप से प्रस्तुत कर रहे हैं। और हम यह वाणी या भावार्थ के सहित प्रस्तुत कर रहे हैं। यह वाणी मनुष्य के तिमिर का नाश करने वाली है। विशेषकर आज के संदर्भ में जबकि मनुष्य का एकमात्र लक्ष्य धन कमाने तक ही सीमित रह गया है इन वानियो की सरल व्याख्या ही उसे सन्मार्ग दिखा सकती है।
सदगुरु कबीर की यह अनमोल वाणी या आप के पथ को आलोकित कर के सद मार्ग का राह प्रशस्त करें ....... इसी मंगल कामना के साथ........
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