Satguru_our_indramani Maharaj
सतगुरु कबीर साहेब जी की साखी और शब्द निरन्तर सुनने के लिए सतगुरु चैनल को सब्सक्राइब करें क्योंकि सतगुरु की भक्ति के बिना काल जाल के बन्धन से मुक्त नहीं हो सकतें सत्य साहेब जी।
सब बातों में चतुर है सुमिरन में काच्चा, सतनाम कों छोड़ कर माया संग रांचा जी,भाग 2 शब्द
जगत दीवाना साडे दिल नहीं भाव था तुझ देखन का चाव, मेरे रैब जी 🙏👌
हे ठगनि क्या नाच नचावे तेरे हाथ कबीर ना आवैं
गुरु जी ये प्रेम की घाटी निभाओ तो गुजारा है शब्द
सत की राह पर चलने पर,सत साहेब सत साहेब बोल भैया या पार उतर जा थारी नैया
सतगुरु कबीर साहेब जी की आरती, निर्विकार निर्भय तु ही और सक्ल भय माह
मन नेकी करले दो दिन का मेहमान, शब्द भाग न०-2
हों दया जब करोगे मेहर करोगे आऊंगा दाता मेरे मेहर करोगे जब आऊंगा शब्द
हो कोई रसिया महल का रस आन पिलावै दूर देश की बात ने निडे करवावे जी, शब्द और साखी
मंगल आरती सतगुरु कबीर साहेब जी की
कर ले सिंगर सूरत अलबेली , मालिक के घर जाना भी होगा, शब्द और साखी
जगत दीवाना साडे दिल नहीं भावता तुझ देखने का चाव मेरे रब दी शब्द और साखी
शब्द और साखी,जो गया शब्द की गल रहा क्या बाकी रे
सतनाम बिना दुख कौन हरे हरे शब्द और साखी
साईं के नाम बिना नहीं निस्तारा, गुरु के नाम बिना नहीं निस्तारा जाग-जाग नर क्या सोता , शब्द और साखी
पिले ना प्याला ओ मतवाला,प्याला यो सदा राम रस का रे, शब्द और साखी
तेरा सुना यो मनुष्य शरीर बन्दे गुरु के बिना
दो शिष्यों की कहानी, प्रवचन महाराज जी के द्वारा
गुरु बिना भक्ति ना होवे रे मन चंचल भाई बाता से भक्ति ना होवे रे मन लोभी भाई
संकट में हिरणी राम हे राम पुकारे विपदा में हिरणी राम हे राम पुकारें
संत इन्द्रमणी महाराज जी के शिष्य, संत सुरेंद्र दास महाराज जी के प्रवचन सतपंथ आश्रम दादरी दीपावली
सब बातों में चतुर हैं सुमरण में सांचा सत्य नाम कों छोड़ कर माया संग रांचा जी 🙏
योहे तों मन्ह ले जायगा मेर लगया राम का रोग
आपै धर्म धारी मेरे दाता आपै खेल खिलारी है
मेरे संतों भाई जान्याजिन्होंने मान्यमेरे साधु भाई जान्या जिन्होंने मान्या, शब्द की चाल चल कोई बिरला
मरजानी हे ममता क्यूं ना गई मेरे मन से, सतपंथ आश्रम दादरी, दीपावली सत्संग
आएं सुरता हो ले चलन तैयार शब्द खड़ा तेरी बाट मैं हे , सतपंथ आश्रम दादरी
एक मेरा प्यारा सतगुरु दूसरा ना कोई शब्द और साखी #
सत की जय, सतनाम की जय, आरती निर्विकार निर्भय तु ही और सक्ल भय माह
मन नेकी कर ले दो दिन का मेहमान, रे सत्य नाम सुमरले दो दिन का मेहमान शब्द और साखी