Pandit Todarmal Smarak Trust

जय जिनेद्र

आध्यात्मिकसत्पुरुष श्री कानजीस्वामी से प्रेरणा पाकर जयपुर निवासी श्री पूरणचन्दजी गोदिका ने जैन तत्त्वज्ञान के प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से श्री टोडरमल स्मारक भवन का निर्माण कराया। आपने पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट की स्थापना की एवं ट्रस्ट के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में आजीवन ट्रस्ट को संचालित किया। वर्तमान में आपके सुपुत्र श्री सुशीलकुमारजी गोदिका ट्रस्ट के अध्यक्ष हैं।

ट्रस्ट के गठन के समय से ही पण्डित नेमिचन्दजी पाटनी ने ट्रस्ट की उन्नति में जीवनपर्यन्त महामंत्री के रूप में कार्य किया। उनके पश्चात् डॉ. हुकमचन्दजी भारिल्ल ने महामंत्री पद का भार ग्रहण किया और टोडरमल स्मारक ट्रस्ट के वर्तमान स्वरूप को निखारने में अपना सम्पूर्ण जीवन समर्पित किया। ट्रस्ट की उन्नति में आप दोनों का अविस्मरणीय योगदान उल्लेखनीय है।

पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट के भव्य भवन का उद्घाटन 6 मार्च, 1967 को आध्यात्मिकसत्पुरुष श्री कानजीस्वामी के करकमलों से हुआ। पण्डित टोडरमल स्मारक ट्रस्ट आज जैनसमाज की ख्यातिप्राप्त संस्था है, जो किसी परिचय की मोहताज नहीं है, इसका कार्य ही इसका परिचय है।