Amar Astrology | अमर ज्योतिष
AMAR SINGH CHOUHAN : Renowned Astrologer : Born in "ROYAL FAMILY" of Rajasthan.
Retired from LIC OF INDIA as Deputy Zonal Manager.
learned Basic astrology from his Grand Father and further Advance learning form great world famous astrologer KN RAO SIR Director of CAG (Comptroller and Auditor General of India)
Made a number of correct predictions about Political upheavals, Natural and Man-made Disasters and Major world events.
Collection of 25000 Horoscopes.
In addition to Astrology, Mastered the following subjects :-
*Vastu consultant
*Palmistry
*Motivational Speaker
*Historian
Amar Singh Chouhan
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केतु कुंडली की जड़: केतु को संभाल लिजिए सब संभल जाएगा.
कैरियर का चुनाव कैसे करें : नौकरी, व्यापार, उद्योग : किसमें सफलता मिलेगी..Career Confusion
लग्न राशी और चंद्र राशी : दोनों अगर मित्र है तो बल्ले बल्ले : नहीं तो हल्ले गुल्ले
पूर्व जन्म के कर्म : पाप/पुण्य (Pending Karma ) : कैसे पता करें : कैसे मुक्ति पाए
क्या आपकी जन्म कुंडली में : भूमि,भवन, वाहन, आभूषण का सुख है ?
ये रहा : आपके किस्मत का ग्रह : इसको समझिए और संभालिए
सूर्य से पांचवे भाव में जो राशी है : उस राशी के तत्वों को सुधारे करें और भाग्य बलवान करें
विष्णु सहस्त्रनाम : नया भाग्य लिखने का दम : एक महा उपाय
द्वादेश से दूसरे भाव में छुपा है : करोड़पति बनने का रहस्य
दाह संस्कार के बाद चिता की राख पर 94 का अंक क्यों लिखा जाता है?
सिंहासन योग : बड़े पद पर स्थापित करने वाला राजयोग
पूर्व जन्म में : कौनसी इच्छा पूरी नहीं हुई और प्राण निकल गए : कहां अटके रहे प्राण
दंड योग : कुंडली में यह दुर्योग कैसे बनता हैं : परिभाषा और बचाव
लग्नेश "बीज" है : इस बीज के फल/फ्रूट : लग्नेश से आगे पांचवे भाव में है.
अंशबल और सफलता : "भाव, भावेश और दृष्टि ग्रह" की अधिक डिग्री तो सफलता
नवरात्रा पूजा : पूजा की सरल विधियां और सावधानियां : और भी बहुत कुछ
कभी बुरे दिन नहीं देखने पड़ेंगे : परिवार के साथ रहो, घर में सब की कुंडलियां खराब नहीं होती हैं.
जीवनसाथी से दुःख मिलेगा या सुख मिलेगा..? पूर्व जन्म का आत्ममंथन
केतु - एक भ्रम (कभी अर्श पर कभी फर्श पर) "शुभ केतु"अशुभ केतु के उपाय
सूर्य प्रत्यक्ष देवता है : सूर्य कुंडली के किन भावों सर्वोच्च फल देता हैं ..?
कारक ग्रह- अतिविशिष्ट कारक ग्रह- दिग्बली ग्रह : परिभाषा और उपयोग
आपसे रिश्ता : कौन निभाएगा और कौन देगा धोखा : आप पिलाएंगे अमृत : वो पिलायेगा ज़हर
गुरु ग्रह केंद्र में है तो : भगवान विष्णु का आशीर्वाद आप पर है
शुक्र से अगले भाव में जो ग्रह बैठा है : वो अपार धन और सफलता दायक होगा
आपके पुत्र और आपका जन्म लग्न एक ही है : या अलग है : एक अद्भुत विश्लेषण
गुरु चांडाल दोष=(गुरु+राहु) : गुरु ऊंचाई राहु खाई : विश्लेषण और उपाय
जीवन में आप कितना धन कमाएंगे : कुंडली का 11 वा भाव देखे.
आपकी कुंडली के किस राशी/भाव पर लॉक लगा हुआ है : उसके फल आपको नहीं मिल रहे है
अंगारक दोष (क्रोध) का उपाय : श्रावण मास में इस दोष का सरल उपाय
पराक्रम योग (Might) हिम्मत और हौंसला देने वाला राजयोग