Nikhil Sagar – स्वयं की खोज
Heartiest obeisance to Sadgurudev Dr. Narayan Dutt Shrimali, a Guru of the highest proficiency in mantra, tantra, astrology, Hypnosis, Ayurveda, and ancient Indian sciences.
In his ascetic form, Sadgurudev is known as Nikhileshwaranand
He spent many decades in the caves of the Himalayas gathering knowledge from the sages, monks, and ascetics. He deeply studied all the Vedas, 108 Upanishads, and other ancient texts apart from obtaining a Ph.D. from Jodhpur University.
Besides the knowledge of Sadhnas, Tantra, Mantra, and Yantra, he resurrected Astrology to its past glory by making astoundingly precise forecasts in general and for individuals; and he authored no less than 120 books on this subject.
Sadgurudev has shown a divine path to Sadhak and disciples to grow and get success in life. It is because of his blessings that the science of mantras has been rejuvenated again and people are getting great results in their lives.
मां भगवती के शक्ति रूप की अराधना क्यों जरूरी सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के श्री मुख से
सदगुरुदेव जी के श्री मुख से महाकाल मंत्र साधना जो सभी समस्याओं के समाधान हेतु बहुत महत्त्व पूर्ण है
महाकाल साधना की विशेषता और महत्त्व सदगुरुदेव जी के श्री मुख से
सदगुरुदेव जी के श्री मुख से विशेष प्रवचन
सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा भगवान शिव का पूजन
पुत्र प्राप्ति हेतु सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के श्री मुख से विशेष मंत्र साधना
तंत्रोक्त पूजन का महत्त्व –सदगुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के पावन और पवित्र गुरुमंत्र का उच्चारण
कुबेर शिव–शक्ति साधना –सद्गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
गुरु रक्त कण कण में स्थापित करने के लिए विशेष मंत्र साधना –सद्गुरुदेव जी के श्री मुख से
गुरु रक्त कण –कण में स्थापित कैसे हो???–डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
गोरख वाणी (भाग–2)–सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
गोरखवाणी _सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा।
सदगुरूदेव जी परमहंस स्वामी निखलेस्वरानंद जी महाराज का अपने शिष्यों के लिए विशेष संदेश
मंत्रो और साधनाओं से कैसे जीवन में खुशियां प्राप्त की जा सकती है –सदगुरुदेव जी के द्वारा
अंदर उतरने की प्रक्रिया –सदगुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
आंतरिक मन की शक्ति का रहस्य (भाग –2)–सदगुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
आंतरिक मन की शक्ति का रहस्य –सदगुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
जीवन का सार सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
फिर दूर कहीं पायल खनकी (भाग –2)– सदगुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
फिर दूर कहीं पायल खनकी (भाग –1)–सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के श्री मुख से
गुरु उपनिषद् (भाग–2)–सदगुरुदेव डॉ नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
गुरु उपनिषद (भाग – 1)–सद्गुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
अहंब्रह्मास्मि का अर्थ क्या है ?–सदगुरुदेव जी डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के श्री मुख से
गुरु को कैसे प्राप्त किया जा सकता है –सदगुरुदेव डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
शिष्यों के लिए एक विशेष साधना जो सभी के लिए बहुत जरुरी है –सदगुरुदेव जी के श्री मुख से
चरम चक्षु, मन: चक्षु और ज्ञान चक्षु मे क्या अंतर है –सदगुरुदेव निखिल जी के श्री मुख से
समाधि के सात द्वार (भाग –2)–डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
समाधि के सात द्वार ( भाग –1)– डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा
कठोपनिषद (भाग –2)–डॉ. नारायण दत्त श्रीमाली जी के द्वारा