सृष्टि संवेदना करुकमलांजली मंच
वाणी पुत्र-पुत्रियों का सम्मान
मैं तुम्हें ख़त लिख तो दूँ मगर तुम दोस्तों को पढ़ा तो ना दोगे ......
चंद्र शेखर आज़ाद पर रोंगटे खड़े देने वाली कवि मनोज चौहान की सशक्त रचना
श्रेष्ठ काव्य और संचालन का अनूठा मिश्रण ........
पिता के प्रेम को माँ की ममता के साथ पिरोने वाली कवयित्री .........
कवयित्री प्रियंका राय की मधुर आवाज में वाणी वंदना
सुनिए गीतकार शैलेन्द्र सरगम जी को ....
सुनिए अहमदाबाद से कवयित्री रूना उपाध्याय को .....
यारों की सोहबत एक तरफ़ .......
सुनिए मंच संस्थापिका पंकज चतुर्वेदी सृष्टि जी को
झाँसी वाली रानी मर्दानी लिख दूंगी मैं .........
सुनिए झाँसी से श्रंगार के प्रसिद्ध कवि वैभव दुबे को ..
उरई के मशहूर शायर कश्फ़ी जी को सुनिए उनके उम्दा शेरों के साथ
पाँव बेचकर सफ़र ख़रीदे, सफ़र बेचकर राहें ........
आशीर्वचन मुख्य अतिथि आ. संजीव चतुर्वेदी के द्वारा
सुनिए गज़लकार आ. सतीन देसाई जी को उनकी बहुत ही उम्दा ग़जलों के साथ
हास्य के रंग कवि गिरिश ठाकुर के संग
दीप प्रज्वलन
राष्ट्र के उद्घोष के साथ सुनिए कवि चन्द्र प्रकाश गुप्त जी को