Jivan

ज़िंदगी कोई आसान सफर ना है…
कभी नौकरी का टेंशन, कभी घर–घर की जिम्मेदारी…
कभी अपने सपनों को पूरा करने की लड़ाई, तो कभी हालात से जूझने की मजबूरी।
सुबह उठते ही भागदौड़ शुरू —
कभी घर संभालना, कभी काम पर जाना, कभी किसी का दर्द मिटाना, तो कभी अपना दर्द छुपाना।
कभी जेब खाली, तो कभी मन टूटा हुआ…
कभी हालात साथ देते हैं, कभी इतना दबा देते हैं कि आदमी खुद से भी लड़ने लगता है।
काम भी करना पड़ता है, परिवार भी संभालना पड़ता है, और सपने भी दिल में ही दबाकर चलना पड़ता है।
पर फिर भी आदमी हिम्मत नहीं हारता…
क्योंकि जिंदगी का असली मज़ा इसी जद्दोजहद में है।
कभी खुशियाँ, कभी दुख…
कभी जीत, कभी हार…
कभी लोगों का साथ, कभी तानों की मार…
पर हर रोज़ की मेहनत ये सिखाती है कि
"ज़िंदगी गिरकर उठने का नाम है, रुकने का नहीं।"
जो भी हो—
थकान हो, दर्द हो, परेशानी हो, कर्जा हो, कमी हो,
फिर भी आदमी आगे बढ़ता रहता है,
क्योंकि उम्मीद और सपने अभी जिंदा हैं।
यही है जिंदगी…
मेहनत, संघर्ष, उम्मीद और हौसले का खेल।