Ladies Sangeet
तेरा दादा र घोड़ी का मोल कर र बनड़ा , तेरी दादी र घोड़ी के पीछे खड़ी र बनड़ा ,
हर तू लाल चूंदड़ी वाली मेरी रोटी लेके न आइए
बनड़ा ले दादा को साथ बनीं को निरखण जाईयो रे
लो की मेरी दांती ए पीतल के मेरे दांत,
गुड़ियों दे दो ए हमने तो होव स उवार,
दादा देश जान्दा परदेस जाईए म्हारी जोड़ी का वर ढूंढिए,
बन्ना हरी जरी की जूती सरकारी लम्बी नोक, नौका में तमल उलझी बन्ना पड़गा गोडी ,मोड़
बहार बन्ने का दादा बृजअ भीतर बन्ने की दादी जी
महाराज गजानंद आओ नी म्हारी सभा में रंग बरसाओ नी,
बना जयपुर जाईए ओ आवंदा तो लाईए धणकपुरी
यो कड़अ त आया गाडीया, कड़ त लाल लुहार घड़ ला लुहारी का दिवला ,
बना ओ थारअ साथ चालूगी लड़ाई चीन की हो रही
मोटर कार ओ बना स्टील की बनी , चढ़ जा, चढ़ जा ओ बना नवाब बनके
बीरा दामन बैठ सीमाएं गोटे पर रत्न जड़ाए जी मेरे रिमक जीमक भाती आइयो
बनी ए लाना छोड़ दे पाणी ए
तेरे दादा लुआई ए बनड़ी अनार फलियां बड़ी धूम मचाई ए बनड़ी शहर गलियां
लडली आया स हल्दी रा पोत जे कोई मो लेव, मो लाव लाड लडी को दादा जी दादी र मन रल
काल अडिकी र बीरा आज अडीकी, त कित लाई इतनी बार मेरी मां का जाया मोड़ो क्यूं आयो
मेरे दादा के बारह बाग ए में बाग रूखालू एकली , दिन डलते ही हो गई शाम ए बनड़ा न घोड़ों डॉटीओ
दादा विवाह क्यों नी दे मूकला क्यों नी दे, मेरे बटवे का चोर पकड़ क्यों नी दे
चोला र चुन्नी पहरा खड़ी स या बनड़ी खड़ी ए आंगन मं,बनड़ा बुलाव ए राजा कि आवो न रंग महल म
लाडो दूर खेलन मत जा ए साजन घर आवंगे, म तो खेलू मेरे दादा जी की पोल साजन कीत देखेंगे
आर्या का छोरा ए बेबे दश पढ़ रहा स मं सु अनपढ़ छोरी ए बेबे
बनी लीली साड़ी मंगवा ले उसमे सच्ची जरी की बूटी डलवा ले ,बनी बांद कॉलेज में जाईए दादा की पोती कुवाईए
दादा जी की प्यारी मारी बनड़ी कॉलेज पढ़ने जाती है ताऊ जी की प्यारी मारी बनड़ी कॉलेज पढ़ने जाती है
बैठक शणी का पीलंग बनी के दादा जी सोव दादा कैसे आव नींद म्हारे घर क्वारी कन्या
जन्मी ए बाई बार सोमवार सोन क छुरिया नाल मोड़ईयो जे
दो बीगा धरती दिवा दो म्हारे राजा न भांग प्या दो सहिबा
तन गड़ा र दिवला गड़ा र चतर लुहार
नीची थारी खाई ओ बाबा ऊंचा थारा कोठ