Pranav mishra

मुझे भी उड़ना है आसमान में
​चमकना है सितारों की तराहा
​ नया कुछ करना है इस जहा में
​ढूंढना है अपना आशिया
​लिखता लिखता में भी चला
​एक दिन होंगा मेरा भी भला
​ तिनका तिनका में भी जोड़ कर
​एक नया ख्वाब बुन रहा
​में सीखता हु हर किसी से
​ बना रहा हु अपना रास्ता
​गमो के सौगातोसे
​दिल के जज़्बातोसे
​ उमीद भरा मेरा सफर
​यू हौसलो से चल रहा
​आंसू नही बहाना है
​मंजिल अपनी पाना है
​ सफर ये पुराना है
​ हर कोई इस पर चल चला
​ शिकवा ना सुनाना है
​ हर दर्द अपनाना है
​कुछ पल का परवाना है
​एक दिन हमे भी छाना है