Surat shabd Yog
उस परम सत्य की जानकारी जो आज तक नहीं बताई होगी आपको ।
शब्द शब्द हर कोई कहे . वह तो शब्द विधेय
जिभ्या पर आवे नहीं . निरख परख कर ले.
दुनिया के सभी नाम फीके है उस सार शब्द विधेय शब्द के आगे .
सोहम उपर और है सत्सुकृत एक नाम .
आत्मा के ऊपर उस परमात्मा का नाम है
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13व पंथ हम ही चल आए । कबीर साहेब खुद आते है लेकिन कैसे आते है वो तो शब्द स्वरूप है ।
कबीर साहेब और मदन साहेब की वार्ता । कौन आएगा जो दुनिया को पार लगाएगा ।
Рампал разоблачил часть 1 Нитин Дас #rampalji #satlokashram #satlok #satloktv24
घमासान चर्चा । रामपाल जी के शिष्य और नितिन दास । पूरी गीता खोल कर रख दी
रावण को पहले से आत्मज्ञान था राम बोलकर किसी मुक्ति नहीं मिली । नितिन दास
मन पर राज कैसे करे, क्योंकि मन इंद्रियों पर राज करता है ।
सुरत सतलोक तक कैसे जाती है, आत्मा परमात्मा कब बनती है
कोई भी अभी तक परमात्मा तक नहीं गया । लेकिन अब कैसे जाएगा
Parmatma koi khilona nahi hai ,Use paana hai to serious ho jao
Если Бог есть истина, то что же такое истина? Какого рода истина это?
अगर खतरनाक सपने आ रहे है तो इसका क्या मतलब है
परमात्मा में आत्मा है या आत्मा में परमात्मा है
मन क्या है, अलख निरंजन कौन है, शब्द गुरु कौन है
Кто является проницательным знатоком слов, кто знает сущность слов?
अगर परमात्मा पाना है तो बस एक रास्ता है सबसे आसान
सभी मंत्रों का सार मंत्र और मोक्ष का मंत्र क्या है । एक बार में परमात्मा मिलेगा
मुक्ति चाहिए ही क्यों, और किसे चाहिए ।
हम सब को परमात्मा मिलेगा कोई बचेगा नहीं ऐसा जो अल्लाह के बिना रह जाए
ब्रह्मा सृष्टि कैसे बनाते है, विष्णु कैसे चलाते है, खुल गया राज
परमात्मा आया है जगाने । मेमना बन कर नहीं, शेर बनकर
नाभि में ध्यान त्रिकुटी में ध्यान । कहा करोगे ध्यान वहा पाओगे किसे । महत्पूर्ण बात । जरूर सुने ।
नकली स्वरूप और असली स्वरूप क्या है, कैसे जाने ये हमारा असली स्वरूप है
आत्मा का अनुभव कैसा होता है, सार शब्द का अनुभव
तो ये है महाकुंभ का असली मतलब , क्यों जाते है साधु वहा
मृत्यु से जीतने का केवल एक ही तरीका है ।
मर जाने पर मनुष्य में प्राण प्रतिष्ठा कौन कर सकता है । और कैसे
आत्मा के ज्ञान को छिपाना क्यों पड़ा, और अब क्यों खोलना पड़ रहा है
इंद्री ज्ञान, शब्द स्पर्श रूप रस गंध, आंख से ज्ञान, कान से ज्ञान, चमड़ी से ज्ञान, परमात्मा का ज्ञान
किसी भी व्यक्ति के चक्कर में अपना जीवन यू ही बर्बाद न कर दे । नितिन दास
जीवात्मा और आत्मा । इनमे क्या फर्क है ।