Gurumaavigyanmati
आचार्य ज्ञान सागर जी महाराज के शिष्य समाधिस्थ श्री 108 विवेक सागर जी महाराज द्वारा दीक्षित परम पूजनीया 105 श्री विज्ञानमति माता जी इस समय आचार्य गुरुदेव श्री 108 विद्यासाग़र जी महाराज के संघ की सबसे अधिक तपस्वी आर्यिकाश्री हैं।आपका जन्म भीण्डर राजस्थान में हुआ था आपके संघ की चर्या चरणानुयोग एवम करणानुयोग का जीवन्त उदाहरण हैं
लीला से महाव्रती गुरु माँ विज्ञान
श्रुतपंचमी छहढाला चतुर्थ ढाल शिविर June 6, 2024
उद्घाटन मंगलाचरण
आज के युग का सबसे बड़ा पाप- इंदौर चातुर्मास स्थापना पर गुरु माँ का आवश्यक उदबोधन 02 जुलाई
यदि मैं महावीर जन्म महोत्सव का आयोजक होती।
क्षमावाणी पर्व || डॉ वीर सागर जैन दिल्ली
रात्रि भोजन त्याग का फल : गुरु माँ विज्ञानमती
चौके की कहानी खतौली के सास बहू की जुबानी
जिनवाणी जग मैय्या जन्म दुख मेट दो।
वात्सल्यमयी गुरु माँ का वात्सल्य ||गुरु माँ विज्ञानमती जी
कंचन दीदी की सीख... संस्मरण
असाता बनी साता... संस्मरण
मैं सिर्फ आर्यिका हूँ... आर्यिका !!! संस्मरण
अनूठा- समर्पण... संस्मरण
तुम्हारे कपड़े रंगीन है... संस्मरण
नियम बना यम...संस्मरण
स्वाभिमानी प्रवृत्ति (अयाचक वृत्ति)...संस्मरण
अदम्य साहस...संस्मरण
अपूर्व सजगता... संस्मरण
यह स्वाध्याय का ही फल है... संस्मरण
दुर्लभता से अवसर मिला है... संस्मरण
विचलित ना होऊं...संस्मरण
समय मिला है तो उपयोग कर लो...संस्मरण
फूले नहीं समाये...संस्मरण
तस्वीर से खिली तकदीर...संस्मरण
पुरस्कार बना उपकरण... संस्मरण
बेटा ठीक हो गया ...संस्मरण
जिनेन्द्र दर्शन मिलते ही उपवास करूंगी...संस्मरण
मुझे तो बाहुबलि जैसा बनना है... संस्मरण
भव के अभाव की दृष्टि से पूजन करने से ही होता हैं धर्म...संस्मरण