अवधी कविताएँ

अवधी साहित्य का स्थान हिन्दी साहित्य में सर्वोपरि है यदि सम्पूर्ण हिन्दी साहित्य से अवधी साहित्य निकाल दिया जाये तो हिन्दी भाषा के पास कुछ नहीं बचता।गोस्वामी तुलसीदास के बाद आधुनिक अवधी साहित्य को विस्तार देने वाले कवियों में वंशीधर शुक्ल,गुरुप्रसाद सिंह मृगेश,बलभद्र प्रसाद दीक्षित पढ़ीस, कैलाश गौतम आदि कवियों का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा।वर्तमान काल में भी अवधी साहित्य का सृजन प्रचुर मात्रा में किया जा रहा है श्री फ़ारूक़ सरल,अशोक मिश्रा टाटम्बरी,डा.अशोक अज्ञानी,जगजीवन मिश्र,डा.अनिल बौझड,डा.रामबहादुर मिश्रा,जगदीश पीयूष आदि कवि इस धारा को सम्बल प्रदान कर रहे हैं।
अवधी साहित्य में गीत विधा में लहचारी,कहरवा,सोहर,वनरा,फाग,आल्हा,बिरहा,नौटंकी आदि विविध लोक रंग हैं जिनसे परिचय कराना इस चैनल का मुख्य उद्देश्य है,आशा है अवधी साहित्य को समर्पित यह चैनल आपको अवश्य पसंद आएगा।
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