Shree Hari Ji Maharaj

भागवत ही धेय,गेय,पेय हैं-----
इस कलिकाल में मनुष्यों का कल्याण करने के लिए ही भगवान ने शुकदेव रूप धारण करके परिक्षित को भागवत जी का रसपान करवाया,अतः भागवत रूपी कल्प वृक्ष के नीचे बैठ कर सभी अपना कल्याण करें, यही हमारे चैनल का उद्देश्य है
महाराज जी से किसी भी पुराण की कथा ,श्रीमद् भागवत कथा , श्रीमद् देवी भागवत कथा ,शिव पुराण ,स्कन्द पुराण, श्री राम कथा, गौ कथा , भक्तमाल एवं 18 पुराणों में से किसी भी पुराण की कथा करवाने हेतु संपर्क करे ||
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