Rima Srivastava
Lokgeet suniye local language me
कन्हा के बिरिज नारि नजरीया लगावे
कर जोरी करीले पूकार हे भवानी
शिव के मंदिर बरा भरी हे गौरा पूजन जाय
बाजन बाजे सहना!ई डमरू आ केर ना
भजन- चरचा कराब अपना शिवगुरु के
ब्याहि गौरा आई ससुररिया नजरी. ना आय महलिया हे
बाजे सहना!ई दु अरीय हे शिवजी अईहे दुलहवा
रो!ई रो!ई माना गौरा समझावे
रघुबर है बरा प्यारे मेरे मन को भाय
न आऐ रघुरा ईआ संगचारो भा ईया
अखिया है ईनकी रसिली हे देखन चलू
आजू मिथिला नगरिया निहाल सखिया
शिव के धनुस बडा भारी हे
आऐ शिवजी दुहवा हे
बाबा बिश्ननाथ नगरिया हम जा!ईबह। हे सखि
रघुबर जी की आरती जनक पूर
सीता जी का। बिबाह गाना। आनंद आई जनक पूर हे रघुबर बने दुलहा
शिव के जटवा से गंगा जी धार बहेला
सिरि राम आऐ बाग मे फुलवा लेहन हे
कहवा ही सीता जी जन्म ली त कहावा ही पालन हे
छठ गीत चारदिन ला अईली छठीय म ईआ छठी रहब र!ऊरा
छठ गीत सूरज जे ऊगलन गंगा तीरे अपनी बैरन लिय
छठ का गीत छठीमा!ई के घाट पर बाजा बढावा ईब
छठ म!ईआ की आरती
छठ पूजा गाना धिरे बहो गांगा म!ईया
शिव जी चरनिया
म,ईआ तेरे द्वारे पर झडा फहरा
लाल झंडा ऊडे आकास आज भवानी आई सहर मे
म,ईआ दु,अरीया बाजन बाजै घानाघोर म,ईआ हथे चू रीया लिय पुतरीया ठर
अईली आंगना म,ईआ अईली आगना रूनू झून बाजेला पायलीया म ईआ