रामचरित् मानस की सिद्ध चौपाइयां - रामसिया राम सियाराम जय जय राम - Ram Siya Ram - Ramayan Chaupai
Автор: Spiritual Bhakti
Загружено: 2025-11-03
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Spiritual Bhakti presents रामचरित् मानस की सिद्ध चौपाइयां - रामसिया राम सियाराम जय जय राम - Ram Siya Ram - Ramayan Chaupai
Ramayan Chaupai Lyrics ---
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम सिया राम सिया राम जय जय राम - २
हो, होइहै वही जो राम रचि राखा
को करे तरफ़ बढ़ाए साखा
हो, धीरज धरम मित्र अरु नारी
आपद काल परखिये चारी
हो, जेहिके जेहि पर सत्य सनेहू
सो तेहि मिलय न कछु सन्देहू
हो, जाकी रही भावना जैसी
रघु मूरति देखी तिन तैसी
रघुकुल रीत सदा चली आई
प्राण जाए पर वचन न जाई
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
हो, हरि अनन्त हरि कथा अनन्ता
कहहि सुनहि बहुविधि सब संता
राम सिया राम सिया राम जय जय राम
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Song – Ramayan Chaupai
Channel - Spiritual Bhakti
Label - Ganga Cassette
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