चमगादड़ों के बीच प्राचीन जिनालय में त्रिकाल चौबीसी
Автор: Incredible Jainism
Загружено: 2024-05-24
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जिला बूंदी में केशव राय पाटन तहसील से 40 किलोमीटर दूर लाखेरी इंदरगढ़ रोड पर स्थित है गांव गेंडोली बूंदी जिले से यह 25 किलोमीटर और खटकड़ कस्बे से 15 किलोमीटर दूर पड़ता है लाखेरी यहां से 25 किलोमीटर दूर है किसी जमाने में इस गांव में हीरे जवाहरात का कारोबार होता था और अनेकों जैन परिवार निवास करते थे परंतु प्राचीन समय में किसी महामारी के कारण अनेकों परिवारों का पलायन यहां से हो गया और गांव से निकले लोगों ने कभी गांव की तरफ रूख नहीं किया इसलिए मंदिर वीरान पड़ा है।
लाखों चमगादड़ों ने इसे अपना घर बना लिया है मंदिर में जीर्णोद्वार की अति आवश्यकता है यहां पत्थर पर तीन त्रिकाल चौबीसी बनी हुई है जो आसपास कहीं पर भी नहीं है और बूंदी के सेठ मलाशाह ने 7 मंदिर बनवाए थे जो एक ही शैली में एक ही तरीके से बने हुए थे उनमें से एक मंदिर यह भी है
मंदिर में पहले अनेकों प्रतिमायें थी पर वीरान और सुनसान होने के कारण काफी प्रतिमाएं चोरी हो गई समाज से निवेदन है गांव में स्थित ऐसे प्राचीन जिन मंदिरों की तरफ ध्यान दें एवम् इनकी सुरक्षा एवम् जीर्णोद्वार में सहयोग करके इनके संरक्षण में सहयोग करें।
और समय-समय पर दर्शनार्थ यहां पधार कर अपने पुण्य का संचय करें।
हां दो मंदिर बने हुए हैं जिसमें एक मंदिर में प्रतिमाएं नहीं है केवल भवन है और यह भी चारों और झाड़ियों से घिर चुका है।
गांव में निवास करने वाला परिवार अपनी यथाशक्ति सेवा अर्चना और सहयोग करता है परंतु अगर हम सभी सहयोग करें तो ऐसे जिन मंदिरों का कायाकल्प हो सकता है।
रिपोर्ट विकास जैन लाडनूं
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