अहम् ब्रह्मास्मि - कृष्ण के जीवन के चमत्कारी रहस्य
Автор: अद्भुत दुनिया
Загружено: 2025-04-28
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"अहम् ब्रह्मास्मि" का अर्थ है "मैं ब्रह्म हूँ" या "मैं सर्वोच्च वास्तविकता हूँ". यह एक संस्कृत महावाक्य है जो आत्मा और ब्रह्म के बीच की एकता को व्यक्त करता है.
विस्तार से:
अहम् (aham):
यह शब्द "मैं" का अर्थ है, जो व्यक्ति के भीतर स्थित आत्मा का प्रतिनिधित्व करता है.
ब्रह्म (brahma):
यह शब्द सर्वोच्च वास्तविकता, परम तत्व, या ब्रह्मांड की सर्वव्यापी चेतना का प्रतिनिधित्व करता है.
अस्मि (asmi):
यह शब्द "हूँ" या "मैं हूँ" का अर्थ है, जो आत्मा और ब्रह्म के बीच की एकता को व्यक्त करता है.
संक्षेप में, "अहम् ब्रह्मास्मि" इस विचार को व्यक्त करता है कि प्रत्येक व्यक्ति की आत्मा ब्रह्म के समान है, या ब्रह्म का ही एक भाग है.
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