पंच हस्त मुद्रा से पाये निरोगी काया
Автор: YOG AUR ADHYATM
Загружено: 2025-07-02
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हस्त मुद्रा (Hand Gestures) भारतीय योग और आयुर्वेदिक परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। ये विशेष हाथ की मुद्राएं शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने और मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक होती हैं।
यहाँ कुछ प्रमुख हस्त मुद्राएं और उनके स्वास्थ्य लाभ दिए गए हैं:
1. प्राण मुद्रा (Prana Mudra)
कैसे करें: अंगूठे, अनामिका (ring finger), और छोटी उंगली को मिलाएं।
लाभ:
ऊर्जा और जीवनी शक्ति बढ़ाती है
आंखों की रोशनी में सुधार
थकान, कमजोरी और सुस्ती को दूर करती है
2. वायु मुद्रा (Vayu Mudra)
कैसे करें: तर्जनी को अंगूठे के मूल में मोड़ें और अंगूठे से दबाएं।
लाभ:
गैस, जोड़ों के दर्द और गठिया में राहत
शरीर की वायु दोष को संतुलित करती है
3. अपान मुद्रा (Apana Mudra)
कैसे करें: अंगूठे, मध्यमा (middle finger) और अनामिका को मिलाएं।
लाभ:
शरीर से विषाक्त तत्व निकालती है
पाचन सुधारती है
पेशाब संबंधी समस्याओं में लाभकारी
4. शून्य मुद्रा (Shunya Mudra)
कैसे करें: मध्यमा को अंगूठे के मूल में मोड़ें और अंगूठे से दबाएं।
लाभ:
कान से संबंधित समस्याएं जैसे टिनिटस, सुनाई न देना
चक्कर आना और सिर दर्द में राहत
कितनी देर करें?
रोज़ाना 15–30 मिनट तक किसी भी मुद्रा को किया जा सकता है।
इसे ध्यान (meditation), प्राणायाम या खाली समय में किया जा सकता है।
अगर नियमित रूप से इन हस्त मुद्राओं का अभ्यास किया जाए, तो ये शरीर को संतुलन में रखने, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और संपूर्ण स्वास्थ्य को बेहतर करने में मदद करती हैं।
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