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सौंफ, जीरा व ईसबगोल की टॉप खरपतवारनाशक दवाई। ऑक्सीफ्लोरफेन 23.5%EC/ खेती में स्प्रे कैसे करें।

Автор: Green Rajasthan

Загружено: 2022-12-05

Просмотров: 16063

Описание:

About this video :-
इस वीडियो में सौंफ की फसल में चौड़ी पत्ती की खरपतवार जैसे बथुआ व भाभरा आदि पर प्रभावी तरीके से नियंत्रण करने वाली दवा ऑक्सीविया, जिसका टेक्निकल कंटेंट ऑक्सीफ्लोरफेन 23.5% EC है, की जानकारी सहज व सरल भाषा में दी गई है। आप इस दवा का उपयोग पतली पत्ती वाली फसलों यथा सौंफ, इसबगोल, जीरा, प्याज व लहसुन में कर सकते हैं। इस दवा का उपयोग चौड़ी पत्ती वाली फसलों जैसे सरसों, मैथी, दलहन व गेहूं की फसल में भूलकर भी नहीं करना है। उम्मीद है कि यह वीडियो आपके लिए काफी उपयोगी साबित होगा।

ओक्सीफ्लूरोफेन 23.5% ईसी की खुराक प्रति एकड़ के लिए निम्नलिखित है:

200-400 मिलीलीटर प्रति एकड़ (वयस्क खरपतवारों के लिए)
150-300 मिलीलीटर प्रति एकड़ (छोटे खरपतवारों के लिए)

यह ध्यान रखें कि खुराक की मात्रा खरपतवारों की प्रकृति, मिट्टी की प्रकृति और मौसम की स्थिति पर निर्भर करती है। इसलिए, उपयोग करने से पहले उत्पाद के लेबल को ध्यान से पढ़ें और निर्देशों का पालन करें।

ओक्सीफ्लूरोफेन 23.5% ईसी का उपयोग मुख्य रूप से खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है। यह एक प्रकार का हर्बिसाइड है जो खरपतवारों को मारने के लिए उपयोग किया जाता है।

ओक्सीफ्लूरोफेन 23.5% ईसी के उपयोग:

1. खरपतवारों को नियंत्रित करने के लिए।
2. फसलों की उत्पादकता बढ़ाने के लिए।
3. मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए।

ओक्सीफ्लूरोफेन 23.5% ईसी के सावधानियां:

1. इसका उपयोग करते समय सुरक्षा उपकरणों का उपयोग करें।
2. इसका उपयोग करते समय मिट्टी और पानी को प्रदूषित न करें।
3. इसका उपयोग करते समय फसलों को नुकसान न पहुंचाएं।


कीटनाशकों के दुष्प्रभाव विभिन्न प्रकार के हो सकते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख दुष्प्रभाव निम्नलिखित हैं:

मानव स्वास्थ्य पर दुष्प्रभाव
1. *कैंसर*: कुछ कीटनाशकों में कैंसरकारी गुण होते हैं, जो मानव स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
2. *न्यूरोलॉजिकल समस्याएं*: कीटनाशकों के संपर्क में आने से न्यूरोलॉजिकल समस्याएं जैसे कि पार्किंसंस रोग, अल्जाइमर रोग और मानसिक विकार हो सकते हैं।
3. *प्रजनन समस्याएं*: कीटनाशकों के संपर्क में आने से प्रजनन समस्याएं जैसे कि बांझपन, गर्भपात और जन्म दोष हो सकते हैं।
4. *त्वचा और आंखों की समस्याएं*: कीटनाशकों के संपर्क में आने से त्वचा और आंखों की समस्याएं जैसे कि त्वचा की जलन, आंखों की जलन और दृष्टि समस्याएं हो सकती हैं।

पर्यावरण पर दुष्प्रभाव
1. *जल प्रदूषण*: कीटनाशकों के उपयोग से जल प्रदूषण हो सकता है, जो जलीय जीवन के लिए हानिकारक हो सकता है।
2. *मिट्टी प्रदूषण*: कीटनाशकों के उपयोग से मिट्टी प्रदूषण हो सकता है, जो मिट्टी की उर्वरता को कम कर सकता है।
3. *वायु प्रदूषण*: कीटनाशकों के उपयोग से वायु प्रदूषण हो सकता है, जो श्वसन समस्याओं का कारण बन सकता है।
4. *जैव विविधता की हानि*: कीटनाशकों के उपयोग से विविधता की हानि हो सकती है, जो पारिस्थितिकी तंत्र के लिए हानिकारक हो सकती है।

अन्य दुष्प्रभाव
1. *कीटों का प्रतिरोध*: कीटनाशकों के अत्यधिक उपयोग से कीटों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो सकती है, जो कीटनाशकों को कम प्रभावी बनाता है।
2. *मिट्टी की उर्वरता की हानि*: कीटनाशकों के उपयोग से मिट्टी की उर्वरता की हानि हो सकती है, जो फसलों की उत्पादकता को कम कर सकती है।
3. *आर्थिक नुकसान*: कीटनाशकों के उपयोग से आर्थिक नुकसान हो सकता है, जो किसानों की आय को कम कर सकता है।

स्प्रे कैसे करें:


कीटनाशक छिड़कते समय सावधानियां बरतना आवश्यक है ताकि कीटनाशकों का प्रभावी उपयोग किया जा सके और पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य को नुकसान न पहुंचे। यहाँ कीटनाशक छिड़कते समय सावधानियों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण जानकारी है:

व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण
1. _दस्ताने_: कीटनाशक छिड़कते समय दस्ताने पहनना आवश्यक है ताकि कीटनाशकों के संपर्क में आने से हाथों को बचाया जा सके।
2. _मास्क_: कीटनाशक छिड़कते समय मास्क पहनना आवश्यक है ताकि कीटनाशकों के वाष्पों के संपर्क में आने से फेफड़ों को बचाया जा सके।
3. _चश्मे_: कीटनाशक छिड़कते समय चश्मे पहनना आवश्यक है ताकि कीटनाशकों के संपर्क में आने से आंखों को बचाया जा सके।

कीटनाशकों का चयन
1. _कीटनाशकों की प्रकृति_: कीटनाशकों की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए उनका चयन करना आवश्यक है। कुछ कीटनाशक पौधों के लिए हानिकारक हो सकते हैं।
2. _कीटनाशकों की मात्रा_: कीटनाशकों की मात्रा को ध्यान में रखते हुए उनका उपयोग करना आवश्यक है। अधिक मात्रा में कीटनाशकों का उपयोग करने से पौधों को नुकसान पहुंच सकता है।

कीटनाशकों का छिड़काव
1. _कीटनाशकों का छिड़काव सावधानी से करें_: कीटनाशकों का छिड़काव सावधानी से करना आवश्यक है ताकि कीटनाशकों का प्रभावी उपयोग किया जा सके।
2. _कीटनाशकों का छिड़काव हवा की दिशा में करें_: कीटनाशकों का छिड़काव हवा की दिशा में करना आवश्यक है ताकि कीटनाशकों के वाष्पों को दूर ले जाया जा सके।

सुरक्षा उपाय
1. _कीटनाशकों के संपर्क में आने से बचें_: कीटनाशकों के संपर्क में आने से बचना आवश्यक है ताकि कीटनाशकों के हानिकारक प्रभावों से बचा जा सके।
2. _कीटनाशकों को सुरक्षित स्थान पर रखें_: कीटनाशकों को सुरक्षित स्थान पर रखना आवश्यक है ताकि कीटनाशकों के दुरुपयोग से बचा जा सके।



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सौंफ, जीरा व ईसबगोल की टॉप खरपतवारनाशक दवाई। ऑक्सीफ्लोरफेन 23.5%EC/ खेती में स्प्रे कैसे करें।

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