मुठभेड़ में वांटेड सचिन को लगी गोली, लाजपत नगर गोलीबारी और हत्या के प्रयास मामले में था फरार
Автор: SANSANI OF INDIA (सनसनी ऑफ़ इंडिया)
Загружено: 2024-12-14
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दक्षिण-पूर्वी जिले के एएटीएस स्टाफ ने थाना लाजपत नगर में गोलीबारी और attempt to murder मामले में वांटेड चल रहे एक ऐसे क्रिमिनल को मुठभेड़ के दौरान दबोचा है जो पहले गैंगस्टर नीरज बवाना के करीबी एसोसिएट गैंगस्टर शिब्बू उर्फ सुबेग की गैंग से जुड़ा हुआ था। वांटेड क्रिमिनल ने पुलिस टीम को देखकर पहले फायरिंग की जवाबी कार्रवाई में आरोपित के दाहिने पैर में पुलिस की गोली लगी, तभी पुलिस ने उसे दबोच लिया। मुठभेड़ में घायल वांटेड क्रिमिनल की पहचान जीके पार्ट वन, जमरूदपुर निवासी सचिन पुत्र जुडी के रूप में हुई है। आरोपी पहले भी हत्या, हत्या का प्रयास, डकैती और जबरन वसूली के कई मामलों में शामिल रहा है। पुलिस ने आरोपी के पास से एक मोटरसाइकिल, एक अत्याधुनिक पिस्तौल, दो इस्तेमाल कारतूस व एक जिन्दा कारतूस बरामद किया है।
12 दिसम्बर की रात 10 बजकर 15 मिनट के आसपास दक्षिण पूर्वी जिले के एएटीएस इंचार्ज इंस्पेक्टर राजेंदर सिंह डागर को वांटेड क्रिमिनल जीके पार्ट वन, जमरूदपुर निवासी सचिन की एक्टिविटी और मूवमेंट के बारे में गुप्त सूचना मिली।
इन्फॉर्मर ने विश्वसनीय जानकारी देते हुए बताया कि वांटेड क्रिमिनल 13 दिसंबर, 2024 की सुबह 4:00 बजे से 4:30 बजे के बीच फरीदाबाद से करणी सिंह शूटिंग रेंज रोड होते हुए तुगलकाबाद जाएगा और अपने गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर दिल्ली में अलग अलग जगहों पर वारदातों को अंजाम देगा।
इन्फॉर्मर ने आगे बताया की वांटेड क्रिमिनल एक शातिर अपराधी है और खतरा महसूस होने पर आम पब्लिक हो या पुलिस किसी पर भी गोली चलाने से नहीं हिचकिचाता है।
टीम को यह भी पता चला कि वह अपने साथी अभिषेक उर्फ पिद्दी के साथ वर्ष 2022 में लाजपत नगर इलाके में हुई गोलीबारी की घटना में शामिल था और अभिषेक उर्फ पिद्दी से मिलकर वह इलाके में प्रतिद्वंद्वी गैंग पर हमला करने की योजना भी बनाएगा।
इनफार्मेशन पुख्ता होते ही वांटेड क्रिमिनल को दबोचने के लिए रवि कुमार सिंह, डीसीपी साउथ ईस्ट डिस्ट्रिक्ट ने दिलीप सिंह एसीपी ऑपरेशन की कड़ी निगरानी व एएटीएस इंचार्ज इंस्पेक्टर राजेंदर सिंह डागर के नेतृत्व में एसआई शुभम चौधरी, जीतेन्द्र, विनोद, राजवीर, एएसआई सुलमुद्दीन, श्रवण, धीर सिंह, हेड कांस्टेबल राजेश, महेन्दर, कांस्टेबल देबअनंदा, महिला कांस्टेबल संगीता की एक क्रेक टीम का गठन किया।
वांटेड क्रिमिनल को दबोचने के लिए 13 दिसंबर की सुबह टीम ने करणी सिंह शूटिंग रेंज मुख्य मार्ग पर जाल बिछाया। करीब साढ़े चार बजे मोटरसाइकिल सवार एक सस्पेक्ट व्यक्ति आता दिखाई दिया। मुखबिर के इशारा करने पर टीम ने मोटरसाइकिल सवार को रोकने के लिए रोड को ब्लॉक कर दिया। पुलिस को देखकर मोटरसाइकिल सवार व्यक्ति ने यू टर्न लेने की कोशिश की, लेकिन वो हड़बड़ाहट में अपना संतुलन खो बैठा और मोटरसाइकिल से नीचे गिर गया। टीम ने उसे surrender करने का आदेश दिया। surrender करने की बजाय आरोपी ने तुरंत गोलीबारी शुरू कर दी। आरोपी ने अपनी तरफ आते एसआई शुभम चौधरी पर लगातार दो गोलियां चलाईं जिसमें से एक गोली एसआई शुभम के सीने में लगी किन्तु बुलेटप्रूफ जैकेट पहनी होने के कारण वह बाल-बाल बच गए।
इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह डागर आरोपी को surrender करने की warning देकर उसे पकड़ने के लिए आगे बढ़े, लेकिन आरोपी ने इंस्पेक्टर डागर को अपनी तरफ आता देख गोली मारने की धमकी देकर उनकी ओर बन्दुक का रुख कर दिया।
इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह डागर की तरफ आरोपी की बन्दुक का रुख देखकर एसआई शुभम चौधरी ने तुरंत बचाव में आरोपी के पैरों में निशाना लगाकर गोली चलाई, गोली आरोपी के दाहिने पैर में लगी जिससे वो घायल हो गया। आरोपी के घायल होते ही एसआई शुभम चौधरी और हेड कांस्टेबल राजेश ने उसे घेरकर दबोच लिया और हाथ से बन्दुक को छीन लिया। टीम के बाकि सदस्यों ने भी आरोपी को चारों और से घेरकर नीचे गिरा दिया।
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने घायल बदमाश को इलाज के लिए एम्स ट्रॉमा अस्पताल में भर्ती कराया। क्राइम टीम और एफएसएल टीम ने crime scene का बारीकी से inspection किया और आरोपी के खिलाफ थाना पुल प्रहलादपुर में एफआईआर संख्या 380/24, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 221/132/109(1) और 25/27 आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया।
जीके पार्ट वन, जमरूदपुर नई दिल्ली निवासी सचिन पुत्र जुडी का जन्म मधुबनी बिहार में हुआ था। 5 साल की उम्र में वह अपने परिवार के साथ दिल्ली आ गया था। फ़िलहाल वो अपने परिवार के साथ जमरूदपुर में किराए पर रहता है, जहाँ उसके पिता कैलाश कॉलोनी में रेहड़ी लगाते हैं।
10वीं कक्षा में पढ़ते समय आरोपी सचिन इलाके के बदमाश अभिषेक उर्फ पिद्दी के संपर्क में आया और अभिषेक उर्फ पिद्दी के क्राइम करने लगा। साथ ही गैंगस्टर नीरज बवाना के करीबी एसोसिएट गैंगस्टर शिब्बू उर्फ सुबेग की गैंग के संपर्क में आया और नाबालिग रहते हुए गैंग में शामिल
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