#67. यदि संसार से बचना हो तो संसार के कारणों से बचें | हिंगोली(महा.) रात्रि 30.09
Доступные форматы для скачивания:
Скачать видео mp4
-
Информация по загрузке:
#207. पंच समवाय और ज्ञान की स्वतंत्रता का सुमेल | श्री कु. सा. वसदि, शिखर जी, सुबह. 20.12
#66. वचन गुप्ती पूर्वक ही भाषा समिति का संचार होता है | | हिंगोली(महा.), प्रातः 30.09
आत्मन् कलरव | बाल ब्र. पण्डित रवीन्द्र जी 'आत्मन्' | आध्यात्मिक पाठ संग्रह
99-समयसार गाथा -36 | डॉ.हुकमचंद भारिल्ल |10/10/08
वैराग्यपूर्ण मार्मिक उद्वोधन पं.श्री समकितजी जैन शिवपुरी(स्व.पं.श्री हुकुमचंदजी जैन श्रद्धांजलि सभा)
हमारे जीवन मे कीमती क्या । श्रेष्ठ विचार या निम्न विचार । मुनि क्षमासागर जी प्रवचन
#206. साम्यभाव ही सम्यक विचार है | श्री कु. सा. वसदि, शिखर जी, दोपहर. 19.12
गन्धोदक लगाने का सही तरीका , कोढ़ जैसे बड़े रोग भी ठीक हो जाएँगे II Vidyasagar ji maharaj pravachan
#60. जीव किसी कर्म से दुःखी नहीं होता, दुःखी मानता है ये मोह है | हिंगोली(महा.), प्रातः 27.09
Ep27: Samyak Darshan ka Rahasya | जीवन बदलने वाले 8 लक्षण | Jain Dharma Secrets | Jinvani Shorts
बारह भावना : डॉ. हुकुमचंद जी भारिल्ल कृत रचना की नवीन प्रस्तुति : #12bhavna
#205. स्याद्वाद से सम्यकज्ञान | श्री कु. सा. वसदि, शिखर जी, सुबह. 19.12
#73. राग होना बुरा नहीं है राग को स्वभाव मान लेना बुरा है | वाशिम(महा.), रात्रि 03.10
#197. Imp ज्ञान-ज्ञायक-ज्ञानाकार-ज्ञेयाकार-ज्ञेय की चर्चा | श्री कुन्दकुन्द साधना वसदि, सुबह. 15.12
#65. आत्मा का अनुभव करने से इच्छा का अभाव होता है | हिंगोली(महा.) रात्रि 29.09
भेदज्ञान के बिना सम्यक दर्शन नही हो सकता
1. श्री समयसार गाथा पद्यानुवाद - पूर्वरंग || गाथा 1-38 || डॉ.हुकमचंद भारिल्ल || #drbharill #ptst
#68. टोकना अच्छा है या बुरा??? | वाशिम(महा.), प्रातः 01.10
18/12/25 "श्री मोक्षमार्ग प्रकाशक जी" चौथा अधिकार आ.पं.श्री राजेंद्र कुमार जी जैन जबलपुर
#69. सुविधाओं के प्रेमी और संयम के द्वेषी अस्वस्थ होते ही हैं | वाशिम(महा.), रात्रि 01.10