Life में Tension Free कैसे रहें? | गीता के पाँचवें अध्याय का अचूक मंत्र (कर्म सन्यास योग)
Автор: Radha Krishna Bhakti Katha
Загружено: 2025-12-15
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आज हम श्रीमद्भगवद्गीता (Shrimad Bhagavad Gita) के पाँचवें अध्याय – 'कर्म सन्यास योग' (Karma Sanyasa Yog) – के ज्ञान को समझेंगे। इस अध्याय में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन की सबसे बड़ी दुविधा को दूर किया है कि क्या हमें काम छोड़ देना चाहिए (संन्यास) या काम करते रहना चाहिए (कर्म)?
कृष्ण बताते हैं कि कर्म और संन्यास दोनों का लक्ष्य एक है, लेकिन कर्मयोग सबसे श्रेष्ठ है। यह अध्याय हमें सिखाता है कि हम अपने जीवन में सफलता (Success) के लिए काम कैसे करें, लेकिन तनाव (Stress) और अहंकार (Ego) से मुक्त कैसे रहें।
इस वीडियो में आप जानेंगे गीता अध्याय 5 के मुख्य उपदेश:
कर्म सन्यास योग क्या है? (सही त्याग का मतलब)
काम करते हुए भी संन्यासी कैसे बनें? (आज की भागदौड़ में मन की शांति)
स्थितप्रज्ञ (Stithpragya) और ज्ञानी पुरुष के लक्षण क्या हैं?
ब्रह्म निर्वाण (Brahma Nirvana) की प्राप्ति का सरल मार्ग।
यह अध्याय आपके काम करने के तरीके और जीवन के प्रति दृष्टिकोण को बदल देगा। वीडियो पसंद आए तो इसे लाइक करें, शेयर करें और भक्ति से भरी कथाओं के लिए हमारे चैनल को SUBSCRIBE करना न भूलें।
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