आधुनिक राजस्थान में जागीरदारी व्यवस्था एवं भूमि प्रबन्धन (1818-1949)
Автор: indicavision
Загружено: 2021-09-16
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Jagirdari System and Land Management in Modern Rajasthan (1818-1949) .
जागीरदारी व्यवस्था मध्यकाल में ही अस्तित्व में आई। इसकी उत्पत्ति को जानना आवश्यक है। मध्यकाल में जागीरदारों के शासक एवं रैयत के साथ संबंधों को समझने के बाद ही आप आधुनिक काल में जागीरदारी व्यवस्था को ठीक से समझ सकते हैं।
आधुनिक काल में राजनीतिक, प्रशासनिक, आर्थिक एवं सामाजिक परिवर्तनों के साथ जागीरदारी व्यवस्था में क्या गुणात्मक परिवर्तन आए, इसे समझने के लिए इस विडियो को जरूर देखें।
बदलते परिवेश में जागीरदारों और राजा के मध्य नए सम्बंध अस्तित्व में आए। इसका प्रभाव कृषि एवं कृषक समुदाय पर दिखाई देते हैं, जिनका विश्लेषणात्मक विवरण इस वीडियो में उपलब्ध है।
जागीरदारी व्यवस्था के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए इस वीडियो को देख कर अपनी टिप्पणी भी दें ताकि और सुधार और संशोधन किया जा सके।
राजस्थान में ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विभिन्न प्रभावों को भी इस वीडियो में बताया गया है ।
विस्तार से जानने और समझने के लिए मेरी निम्नलिखित पुस्तकों को पढ़ें:
"आधुनिक राजस्थान का आर्थिक इतिहास", बृज किशोर शर्मा, पब्लिकेशन स्कीम,जयपुर
"राजस्थान में किसान एवं आदिवासी आंदोलन," बृज किशोर शर्मा,राजस्थान हिन्दी ग्रन्थ अकादमी,जयपुर
Agrarian Movement In India, Dr. B. K. Sharma,Prateeksha Publication, Jaipur
Book link: https://www.amazon.in/dp/B08HHCTX8S
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