गांव की परंपरा बनी कलंक की वजह बाहरी महिलाओं से बढ़ी अवैध गतिविधियाँन गांव में जल्द होगा विकास
Автор: सिंगाजी समाचार
Загружено: 2025-10-24
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गांव की परंपरा बनी कलंक की वजह, बाहरी महिलाओं से बढ़ी अवैध गतिविधियाँ — जिला पंचायत सदस्य सपना लावरिया बोलीं, गांव में जल्द आएगा विकास का नया सवेरा
रायसेन जिले के ग्राम उचेर (सुखा करार) का मामला
दैनिक सिंगाजी समाचार
संपादक-राहुल बैरागी
रामपुर विश्वकर्मा के साथ कैमरामैन कौशल दास बैरागी की रिपोर्ट
रायसेन/सांची।
जनपद पंचायत सांची के ग्राम पंचायत उचेर के अंतर्गत आने वाला ग्राम सुखा करार इन दिनों सुर्खियों में है। एक ओर यह गांव अपनी सांस्कृतिक परंपरा और ऐतिहासिक पहचान के लिए जाना जाता है, वहीं दूसरी ओर यहां की पुरानी परंपरा अब विवादों में घिरी हुई है।
गांव में पीढ़ियों से “बैड़ेनी समुदाय” की महिलाएं निवासरत हैं, जो राजा-महाराजा के समय से नृत्य, गायन और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में हिस्सा लेती आई हैं। यह परंपरा कभी कला और संस्कृति का प्रतीक थी, लेकिन अब इसके स्वरूप में चौंकाने वाला बदलाव देखा जा रहा है।
गांव के कई जिम्मेदार नागरिकों का कहना है कि बीते कुछ वर्षों में गांव के बाहर से आई कुछ महिलाएं इस परंपरा की आड़ में गैरकानूनी और अनैतिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रही हैं। खुलेआम हो रहे इन कार्यों से गांव की छवि धूमिल हो रही है और मूल पारंपरिक परिवारों की प्रतिष्ठा पर भी सवाल उठ रहे हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि प्रशासन से कई बार शिकायतें की गईं, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और पुलिस विभाग से मांग की है कि इन बाहरी तत्वों की जांच की जाए और गांव में बढ़ती अवैध गतिविधियों पर रोक लगाई जाए।
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