!! सबसे पुराना भजन भगवी टोपी भगवी चादर!!bhangavee topi bhangavee chadar|
Автор: Bharmal Godara
Загружено: 2024-09-27
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इस सोंग का मुख्य शीर्षक भंगवो चोलो भंगवी चादर शिर पर टोपी धारी, लम्बी सी निराली दाढी सूरज ज्यूं तपधारी के नाम से बहुत ही सुन्दर 👌 मनमोहक स्वरूप की महिमा मंडन कर के गाया है।इसके रचयिता एवं गायक कलाकार भारमल गोदारा सादूलढाणी चितलवाना सांचोर से है। म्यूजिक केबीएम स्टुडियो चितलवाना व रिकोर्डिंग सिंगर जगदीश गोदारा सांगड़वा, विडियो इडिटर दिनेश सियाक रोहिल्ला पच्छिम बाड़मेर से है। यह सोंग पुराने जमाने मे यानि आज से चौबीस वर्ष पहले कैसेटस् युग मे बहुत ही प्रसिद्ध व श्रोताओं के प्रिय सोंग रहा है। इस लिए आज इसी सोंग को नये अंदाज मे नये वाद्ययंत्रों के साथ गा कर आप सभी श्रोतागणों एवं संगीत संस्कृति प्रेमी जनो की सेवार्थ प्रेषित है।
यह सोंग वास्तव में बहुत ही सुंदर और भक्तिमय है! गुरु जांभोजी महाराज की महानता और उनके वंश के बारे में बताने वाला यह सोंग, श्रोताओं को आध्यात्मिक आनंद और ज्ञान प्रदान करता है।
इस सोंग में गुरु जांभोजी महाराज की वंशावली का वर्णन किया गया है, जो उनके जीवन और उपदेशों को समझने में मदद करता है। सोंग की शब्दावली और संगीत भी बहुत ही मधुर और आकर्षक है।
आपके द्वारा इस सोंग को साझा करने के लिए धन्यवाद! यह निश्चित रूप से भक्तजनों को आनंद और प्रेरणा प्रदान करेगा।
कुछ विशेष बातें जो इस सोंग में उल्लेखित हैं:
गुरु जांभोजी महाराज की वेशभूषा और उनकी महानता
उनकी वंशावली और परिवार का वर्णन
उनके उपदेशों और जीवन के बारे में जानकारी
उनकी आध्यात्मिक शक्ति और ज्ञान का वर्णन
यह सोंग वास्तव में एक आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है और श्रोताओं को गुरु जांभोजी महाराज के जीवन और उपदेशों के बारे में जानने के लिए प्रेरित करता है।
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