जब भारत के नवेलो को जमैका में फेंक दिया गया !
Автор: BUBBLES news
Загружено: 2025-10-13
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सदियों से गन्ना, कैरेबियाई अर्थव्यवस्था के लिए उतना ही महत्वपूर्ण रहा है, जितना महत्वपूर्ण हमारे लिए हमारा हृदय है, कैरेबियाई द्वीप समूह का हिस्सा कहलाने वाले जमैका के लिए भी गन्ने की मिठास, आज तक किसानो की आय का मुख्य जरिया बना हुआ है, इस देश का गन्ना बहुत मीठा होता है, जिसके रस से बिलकुल दूध जैसी सफेद चीनी निर्मित होती है, और इस चीनी को जमैका कई अफ़्रीकी देशो के साथ साथ यूरोप एवं अमेरिका तक में निर्यात करके, आय अर्जित करता है, 18वीं, 19वीं और 20वीं शताब्दी से ही, जमैका अंतहीन हरे-भरे गन्ने के खेतों से ढका रहा है, यहाँ मौजूद चीनी मिलों की आवाज़ रात के अँधेरे में भी गूंजती रहती थी, उस समय इस देश पर अंग्रेजो का कब्जा था, जो बार बार समुंदरी जहाजों पर सवार होकर, जमैका आते, और वहां से चीनी की बोरिया लाद कर यूरोप वापिस जाते, लेकिन हर बार इस यात्रा में अंग्रेजो के साथ साथ कुछ चूहे भी जहाजो पर सवार होकर जमैका पहुँचने लगे, और आप जानते ही है, के चूहे बड़ी ही तेजी से अपनी संख्या बढ़ा सकते है, जमैका में चूहों के प्राकृतिक शिकारी लगभग ना के बराबर थे, और इसी का फायदा उठाकर, काले और भूरे चूहों ने यहाँ जमकर अपनी संख्या बढाई,
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