श्री महालक्ष्मी गुरुवारची आरती | Shri Mahalakshmi Guruvaarchi Aarti
Автор: VedGanga - Mantras For Meditation
Загружено: 2025-12-17
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श्री महालक्ष्मी गुरुवारची आरती | Shri Mahalakshmi Guruvaarchi Aarti #margshirshguruvar
ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः ॥
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी
वससी व्यापक रूपे राहे निष्कल रूपे तू स्थूलसूक्ष्मी
जय देवी जय देवी
करवीरपूर वासिनी सुरवर मुनिमाता
पुरहर वर्दायिनी मुरहर प्रियकांता
कमलाकारे जठरी जन्मविला धाता
सहस्त्र वदनी भूधर नपूरे गुणगाता
जय देवी जय देवी
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी
वससी व्यापक रूपे राहे निष्कल रूपे तू स्थूलसूक्ष्मी
जय देवी जय देवी
मातुल्लिंग गदा खेतक रविकिरणी
झळके हातकवटी पीयूष रसपाणी
माणिक रत्नना सुरंग वसना मृगनयनी
शशिकर वदना राजस मदनाची जननी
जय देवी जय देवी
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी
वससी व्यापक रूपे राहे निष्कल रूपे तू स्थूलसूक्ष्मी
जय देवी जय देवी
तारा शक्ती अगम्या शिवभजका गौरी
सांख्य म्हणती प्रकृती निर्गुण निर्धारी
गायत्री निजबीजा निगमा गमसारी
प्रगटे पद्मावती निजधर्माचारी
जय देवी जय देवी
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी
वससी व्यापक रूपे राहे निष्कल रूपे तू स्थूलसूक्ष्मी
जय देवी जय देवी
अमृत भरिते सरिते अधद्रुते वारी
मारी दुर्गत असुरा भवदुस्तर तारी
वारी माया पटल प्रणमत परवारी
हे रूप चिद्रूप दावी निर्धारी
जय देवी जय देवी
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी
वससी व्यापक रूपे राहे निष्कल रूपे तू स्थूलसूक्ष्मी
जय देवी जय देवी
चतुराननाने कुशीत कर्माच्या ओळी
लिहिल्या असतील मातே माझे निजभाळी
पुसोनि चरणातळी पदसुमने शाळी
मुकैश्वर नागर क्षीरसागर बाळी
जय देवी जय देवी
जय देवी जय देवी जय महालक्ष्मी
वससी व्यापक रूपे राहे निष्कल रूपे तू स्थूलसूक्ष्मी
जय देवी जय देवी
ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः ॥
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