विदाई गीत - Ham Panchi Hain Jane Vale Hamse N Prem Karo || शिवानी शास्त्री
Автор: Kathavachak Shivani Shastri
Загружено: 2025-06-13
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""हम पंछी हैं जाने वाले, हमसे न प्रेम करो" — यह पंक्ति अपने आप में बहुत गहरा भाव रखती है। इसका अर्थ है:
हम ऐसे पंछी हैं जो रुकने वाले नहीं हैं, हमें उड़ जाना है… इसलिए हमसे प्रेम मत करो, क्योंकि हम टिकने वाले नहीं।
यह भाव अक्सर उन लोगों के लिए व्यक्त किया जाता है जो किसी रास्ते पर निकल पड़े हैं — साधु, यात्री, या फिर कोई ऐसा व्यक्ति जिसकी ज़िंदगी में ठहराव नहीं है। प्रेम तो स्थिरता चाहता है, जुड़ाव चाहता है — और जब व्यक्ति जानता है कि उसे रुकना नहीं, तो वह दूसरों को आगाह करता है कि उससे प्रेम करके वे दुख न पाएँ।
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